लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आपने कई रूप देखें होंगे। कभी बागी तेवर, तो कभी नरम दिल, तो कभी उनका गऊ प्रेम, लेकिन आज हम उनके 49वें जन्मदिन पर एक ऐसे रूप के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने शायद ही पहले कभी देखा और सुना हो।
क्या आप जानते हैं कि सीएम योगी बच्चों के बीच ‘टॉफी वाले बाबा’ के नाम से प्रचलित हैं? दरअसल, जब सीएम योगी मुख्यमंत्री नहीं थे तब उनकी बच्चों से नजदीकियों की खबरें सुर्खियां नहीं बनती थी, लेकिन जब वह मुख्यमंत्री बने तो बच्चों से उनके लगाव की खबरें सुर्खियां बनने लगी।
बात 26 मई की है, जब कोरोना की तैयारियों का जायजा लेने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुशीनगर गए थे। यहां पर सीएम बच्चों को देखकर खुद को रोक नहीं पाए और एक बार फिर से 8 साल की बच्ची की गुफ्तगूं अखबारों की सुर्खियां बन गई। 8 साल की इस प्यारी बच्ची ने सीएम योगी को गुलाब का फूल देकर कहा, ‘दादा… ये फूल और मूर्ति मैं आपके लिए लेकर आई हूं।’
ये कोई पहला मौका नहीं था जब सीएम योगी बच्चों से मिले हो, आपको याद होगा 2 साल पहले गोरखपुर के पिपराइच में चीनी मिल का निरिक्षण करने सीएम योगी गए थे। इस दौरान निरिक्षण करके जब सीएम हेलीपैड की ओर लौंट रहे थे तो मुंडेरी गढ़वा गांव के बच्चों ने जयकारे लगाएं, जिसने सीएम का ध्यान खींचा।
सीएम बच्चों से मिलने गए और उन्हें प्यार से पूछा और उनसे उनकी पढ़ाई के बारे में बातचीत की। इस बीच एक बच्चे ने सीएम से हेलीकॉप्टर दिखाने की फरमाइश की। बच्चे की फरमाइश सुन सीएम ने तुरंत बच्चों को लेकर हेलीकॉप्टर की ओर गए और उनके साथ हेलीकॉप्टर में बैठकर कुछ वक्त बिताया।
महराजगंज के चौक स्थित महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर रजनीश मल्ल कहते हैं कि योगी जब भी वहां आते हैं तो बच्चे उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ने लगते हैं। बच्चों के चेहरे पर खुशी देखने के लिए सीएम योगी आसपास की दुकानों से टॉफी मंगवाकर बच्चों की कतार लगवाकर अपने हाथ से उन्हें देते हैं। कुछ समय बाद बच्चों को योगी की हर चौक यात्रा पर मिलने लगी तो वे इसे अपना अधिकार मानने लगे।
हलांकि बच्चों को अब एक मलाल है कि योगी मुख्यमंत्री बनने के बाद वहां कम आते हैं।
वनटांगिया गांव के बच्चे तो सीएम को ‘टॉफी वाले बाबा’ ही कहकर बुलाते हैं। इस गांव में बच्चों के साथ साथ बड़े भी सीएम के हाथ से टॉफी लेना पसंद करते हैं। बड़े इसे बाबा का आशीर्वाद और प्रसाद समझकर खाते हैं।