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आज पेश होगा साल का पहला बजट, इन क्षेत्रों को मिल सकती है राहत भरी खबर

WhatsApp Image 2021 02 01 at 11.11.48 AM आज पेश होगा साल का पहला बजट, इन क्षेत्रों को मिल सकती है राहत भरी खबर

नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं आज साल का पहला बजट पेश होने जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंच चुकी है। जिसके चलते कुछ ही देर में बजट आपके सामने होगा। इस साल के बजट को काफी अहम माना है। सबकी निगाहें बजट पर ही टिकी हुई हैं। साल 2020 बहुत ही मुश्किलों भरा रहा है। जिसके चलते आम आदमी की आर्थिक स्थिति पर बहुत गहरा असर पड़ा है। जिसके चलते इस बाद के बजट को कोरोना महामारी के बाद काफी अहम बताया जा रहा है। जिसके चलते लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में टैक्स में छूट देकर लोगों को राहत देगी। इसके साथ ही आर्थिक सर्वे में भी कहा गया है कि सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए जिससे आम लोगों के पास ज्यादा पैसा बचे और ये खर्च के तौर पर बाजार में आए। इससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।

टैक्स स्लैब में बदलाव की संभावना नहीं-

बता दें कि कोरोना महामारी के दौर में नौकरपेशा और मिडिल क्लास के लिए चुनौतियों भरा साल रहा है। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में टैक्स में छूट देकर लोगों को राहत देगी। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर कहा कि कि भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये दशक बहुत महत्वपूर्ण है। हमें और वित्त मंत्री जी को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देने पड़े। यानि 2020 एक प्रकार से लगातार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। इसलिए ये बजट भी उन 4-5 बजट की श्रंखला में ही देखा जाएगा, ये मुझे पूरा विश्वास है। इसके साथ ही जानकारों की मानें तो इस बार टैक्स स्लैब में कोई खास और बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि सरकार ऐसा कुछ जरूर करेगी। जिससे लोग नई टैक्स व्यवस्था का हिस्सा बनें। पिछले साल सरकार ने दो तरह की टैक्स व्यवस्था बनाई थी। नई और पुरानी में से एक को चुनने का विकल्प दिया गया था, लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक सिर्फ 20 फीसदी करदाता ही नई टैक्स व्यवस्था का हिस्सा बने।

स्वास्थ्य क्षेत्र में हो सकता है बड़ा बदलाव-

इसके साथ ही इस बार स्वास्थ्य बजट का दायरा बढ़ाया जा सकता है। माना जा रहा है कि जो स्वास्थ्य बजट अभी तक जीडीपी का 1.25 प्रतिशत रहता था, उसे बढ़ाकर जीडीपी के 2 प्रतिशत तक किया जाएगा। इसके अलावा कोरोना की मुफ्त वैक्सीन के लिए बजट आवंटित किया जा सकता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रह्मण्यम का कहना है कि देश में सस्ते इलाज के लिए निजी अस्पतालों को लेकर एक रेगुलेटर बनाने की जरूरत है। वहीं दूसरी तरफ मिडिल क्लास के ज्यादातक लोग म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और जीवन बीमा पॉलिसी जैसी स्कीम में निवेश करते हैं। इसमें आपको टैक्स की बचत भी होती है। इस बार बजट में 80सी की लिमिट बढ़ाकर 2 या 2.5 लाख रुपये तक की जा सकती है। फिलहाल 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।

एलटीसीजी टैक्स बढ़ाया जा सकता है-

इसके साथ ही सूत्रों के मुताबिक आयात शुल्क में बढ़ोतरी 5-10 प्रतिशत तक की हो सकती है। जिन उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया जा सकता है उनमें मोबाइल फोन फर्नीचर, कैंडल्स शामिल हैं। जैसा कि सभी जानते हैं इन दिनों कृषि कानूनों को लेकर देश में आंदोलन छिड़ा हुआ है। जिसके चलते इस बार का बजट किसानों को लुभाने वाला हो सकता है। जिसके चलते कृषि सेक्टर में कई तरह की योजनाएं सरकार लागू कर सकती है। इसके साथ ही म्यूच्युअल फंड और स्टॉक्स की बिक्री पर जो मुनाफा होता है। उस पर सरकार एलटीसीजी यानि लॉन्ग टर्म कैपिटन गेन टैक्स वसूलती है। मौजूदा समय में एलटीसीजी टैक्स 10 फीसदी है। सरकार इसको बढ़ाकर 12 से 15 प्रतिशत के बीच कर सकती है।

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