नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव के बीच विदेश राज्यमंत्री के रविवार को देश लौटने पर यौन उत्पीडऩ के आरोपों पर स्पष्टीकरण के बाद भाजपा के स्पष्ट रूख अपनाने की संभावना है। विदेश राज्य मंत्री, जो अभी विदेश दौरे पर हैं, ने आरोपों पर अब तक अपना जवाब नहीं दिया है।
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने मामले में अब तक खामोशी अख्तियार कर रखी है वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और लगता नहीं कि मंत्री के तौर पर वह लंबे समय तक पद पर रह पाएंगे। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है। पार्टी के भीतर इस तरह की भी राय है कि चूंकि उनके खिलाफ कोई कानूनी मामला नहीं है और जो आरोप उनके खिलाफ लगे हैं, वो मंत्री बनने से बहुत पहले का है।
महिला मंत्रियों ने मी टू अभियान को अपना समर्थन दिया है
सोशल मीडिया पर मी टू अभियान के जोर पकडऩे के बीच पिछले कुछ दिनों में कई महिलाओं ने उनपर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए हैं। भाजपा ने मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई रूख अपनाए बिना कुछ महिला मंत्रियों ने मी टू अभियान को अपना समर्थन दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि सबसे पहले अकबर को ही आरोपों पर जवाब देना है।
शाह ने की जांच की बात
साथ ही कल बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एमजे अकबर के आरोपों पर बोले शाह ने कहा कि सबसे पहले इस मामले पर अकबर अपना पक्ष रखेंगे, इस दौरान अमित शाह ने कहा कि अकबर पर लगे आरोपों की जांच भी होगी। आपको बता दें कि एम जे अकबर पर 9 पत्रकार महिलाओं ने यौन उत्पीडन का आरोप लगाएं हैं।