नई दिल्ली। दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी को लेकर जारी प्रदर्शन अभी थमा नहीं है। सोमवार को एक तरफ जहां संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन था, दूसरी ओर बाहर सड़कों पर JNU के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई, कई छात्र घायल भी हुए। देर शाम को छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। हालांकि, आश्वासन से JNU छात्र संतुष्ट नहीं दिखे।
आज क्या होने वाला है?
प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्रों को लेकर जेएनयू छात्र संघ मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। इस दौरान अपनी मांगों को लेकर बात की जाएगी और प्रदर्शन में घायल छात्रों के बारे में बताया जाएगा। छात्रों के प्रदर्शन के चलते मंगलवार को भी जेएनयू का शैक्षणिक कामकाज बंद रहेगा। इसके अलावा एडमिन ब्लॉक में भी प्रदर्शन का असर पड़ रहा है। मंगलवार को JNU छात्र संघ, JNU प्रशासन और हॉस्टल प्रेसिडेंट के लोग केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बनाई गई तीन सदस्य कमेटी से एक बार फिर मुलाकात कर सकते हैं और अपनी मांग को रख सकते हैं।
वहीं सोमवार को जब छात्र दिल्ली की सड़कों पर उतरे तो राजधानी थम गई थी। हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर उतरे तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया, इस दौरान सैकड़ों छात्रों को हिरासत में भी लिया गया। कई छात्र घायल हुए, कुछ खून से लथपथ भी हो गए थे। सभी छात्र संसद की ओर जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने बीच में ही उन्हें रोक दिया।
क्या है प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग?
JNU में हॉस्टल फीस में हुई बढ़ोतरी के कारण छात्र सड़कों पर उतरे और अपनी मांग को सरकार के सामने रखा। अभी भी छात्रों की मांग हैं जिसपर वह अड़े हुए हैं।
- इनमें हॉस्टल फीस, नए नियमों के आदेश को वापस लेना और फिर पहले की तरह बहाल करने वाला था।
- JNU प्रशासन और छात्रों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाए।
- हॉस्टल के पुराने नियमों को बहाल किया जाए।