नई दिल्ली। असम में नागरिकता विवाद मामले के बाद देश की राजनीति काफी गरमा गई है। बात दें असम में नागरिकता के मुद्दें को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की ओर से चार और पांच अगस्त को काला दिवस मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि नागरिकता मुद्दें को लेकर ममता की पार्टी सबसे ज्यादा आक्रमक दिखाई दे रही है। आपको बता दें कि संसद में भी इसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। जिसके बाद राजनाथ सिंह की ओर से जबाव दिया गया और सवाल खड़ा हुआ कि क्या जो 40 लाख लोग नागरिकता के ड्राफ्ट में नहीं हैं उनपर फैसला 2019 के बाद होगा।
राज्य के हर जिले में ‘‘काला दिवस मनाया जाएगा
आपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की ओर से इस मुद्दें को लेकर कहा दया है कि वो राज्य के हर जिले में ‘‘काला दिवस’’ मनाएगी। पार्थ चटर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘‘जिस तरीके से सिलचर हवाईअड्डे पर असम पुलिस ने जन प्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार किया और रोका, हम उसकी निंदा करते हैं। सांसद होने के नाते उन्हें हर जगह जाने का अधिकार है लेकिन सभी नियमों का उल्लंघन किया गया और हमारी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को रोका गया। यह शर्मनाक है।’’
तृणमूल कांग्रेस के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सिलचर हवाई अड्डे पर उस समय रोका गया जब वे एनआरसी के अंतिम मसौदे के जारी होने के बाद जमीनी हकीकत का आकलन करने असम के कछार जिले में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी की जिला इकाइयों को राज्य के विभिन्न हिस्से में रैली आयोजित करने और काली पट्टी पहनकर विरोध प्रदर्शन करने को कहा है। चटर्जी ने कहा, ‘‘हमारे सांसदों को जिस तरह रोका गया यह साबित करता है कि भाजपा कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है। हम उनको बेनकाब करने तक लड़ते रहेंगे।’’
शांति-व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास
बहरहाल, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी असम में शांति-व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। बीजेपी के महासचिव सयंतन बसु ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाना चाहती है और इस पर राजनीतिक फायदा लेना चाहती है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से किसने असम जाने को कहा ? वे वहां क्यों गए ? उनका इरादा शांति और स्थिरता को बिगाड़ना है।’’
आपको बता दें कि सरकार के इस फैसले पर ममता सरकार ने कड़ा निशाना साधा है ममता ने कहा, बीजेपी के शासन में देश पर ‘सुपर इमरजेंसी’ थोप दी गई है। ममता बनर्जी ने यह प्रतिक्रिया असम के सिलचर एयरपोर्ट पर टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई धक्का-मुक्की पर दी है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘वे (टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य) पीड़ितों से मिलने जा रहे थे, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया गया। एयरपोर्ट के अंदर उन्हें पुलिस ने पीटा। औरतों तक को नहीं बख्शा गया।
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