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दिमाग की बीमारियों का इलाज कर सकता है गांजा, वैज्ञानिकों ने किया दावा

छात्रों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़, शिक्षा के मंदिर में लहलहा रही गांजे की फसल

गांजे का नाम सुनते ही हमारी आंखों के सामने नशा और उसके साइडइफेक्ट्स आ जाते हैं ।  लेकिन क्या आप जानते हैं कि गांजे के कई फायदे भी हैं। जी हां हैरान मत होइये गांजे के बहुत से चिकित्सीय लाभा हैं। जिसके चलते कई देशों में इसका सेवन कानूनी तौर पर मान्य है।

नए रिसर्च में हुआ नया दावा

एक नई स्टडी में ये दावा किया गया है कि गांजे के छोटे-छोटे कैप्सूल अगर डॉक्टर की निगरानी में दिए जाएं तो दिमाग संबंधी कई बीमारियां ठीक हो सकती है। गांजे में ऐसे मेडिसिनल रसायन होते हैं जो अल्जाइमर्स, मल्टीपल स्क्लेरॉसिस और ट्रॉमैटिक ब्रेन इंजरी जैसी दिक्कतों से जूझ रहे लोगों को फायदा पहुंचा सकता है।

गांजे के कैप्सूल दिमाग को पहुंचाते हैं राहत

जेरिला थेराप्यूटिक्स नाम की दवा कंपनी ने गांजे के छोटे-छोटे कैप्सूल बनाए हैं। इन कैप्सूल में कैनाबिनॉयड्स होता है, जिसे आप खा सकते हैं। ये शरीर में तेजी से घुलते हैं और दिमाग को राहत पहुंचाते हैं।

चूहे पर किया गया परिक्षण

इसका परीक्षण चूहों पर किया गया जो बेहद सफल रहा है। जबकि, इसका लिक्विड यानी तरल रूप उतना फायदेमंद नहीं है। यह स्टडी हाल ही में PLOS ONE जर्नल में प्रकाशित हुई है।

लेकिन एक है परेशानी

कर्टिन यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और कर्टिन हेल्थ इनोवेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता रियू ताकेची ने बताया कि कैबनाबिडियॉल की मदद से दिमाग संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए दुनियाभर में काम चल रहा है। लेकिन इसमें एक ही दिक्कत है। अगर इसे तरल रूप में शरीर में दिया जाए तो यह आसानी से शरीर में एब्जॉर्ब नहीं होता। पेट में एसिडिटी पैदा करता है। इसलिए हमने नए तरीके से इसे शरीर में आसानी से काम करने लायक बनाया है।

अन्य फायदे

गांजे से बनी दवा से HIV/AIDS से पीड़ित लोगों की भूख खत्म नहीं होती। साथ इसका उपयोग क्रॉनिक पेन और मसल स्पैस्म को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। जिन लोगों को डिप्रेशन, तनाव, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर, टूरेट सिंड्रोम, पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर या साइकोसिस होता है, उनके लिए भी गांजे से बनी दवा फायदेमंद होती है।

कौन है स्टडी में शामिल?

इस स्टडी में कर्टिन यूनिवर्सिटी, CHIRI, कर्टिन यूनिवर्सिटी का स्कूल ऑफ पॉपुलेशन हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल और यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो शामिल हैं। वैसे आपको बता दें कि दुनियाभर में गांजे से निकलने वाले रसायन का उपयोग मेडिकल साइंस में काफी ज्यादा होता है। इसे मेडिकल मेडिकल मैरिउआना भी कहते हैं। कैंसर से पीड़ित लोग कीमथैरेपी के बाद बेचैनी और उल्टी की शिकायत करते हैं। गांजे से बनी दवा इसमें फायदा करती है।

दवा के साइडइफैक्ट

हालांकि गांजा या उससे बनी दवा के उपयोग से कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। जैसे- आलस आना, थकान महसूस होना या हेल्यूशिनेशन होना। लेकिन कुछ समय के लिए ही होते है। दवा का असर खत्म होते ही इंसान वापस सही हो जाता है। लंबे समय के लिए इससे क्या नुकसान होता है, इसे लेकर अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि दुनियाभर के वैज्ञानिक इसके लंबे समय के नुकसान का अध्ययन भी कर रहे हैं।

सलाह- डॉक्टर की सलाह से ही किसी भी दवाई का सेवन करें

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