पूरी दुनिया अभी भी कोरोनोवायरस, SARS-CoV-2 से जूझ रही है। इस बीच चीन में एक और नया वायरस आ गया है। जिसका नाम SFTS वायरस है। पूर्वी चीन के प्रांत और वाशिंगटन में 23 लोग इस वायरस से पीड़ित हो गये हो गये हैं। इस वायरस के कारण अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, यह वायरस नया नहीं है। यह पहली बार 2009 में सामने आया था।यह संक्रमित वायरस है। वर्ष 2015 में किए गए एक अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने कुत्तों, बिल्लियों, भेड़ों और मवेशियों में टिक, एच लॉन्गिकोनिस, आर माइक्रोप्लस, एच कैम्पानुलता और डी साइनिकस की चार प्रजातियों पर रिसर्च की थी।
एसएफटीएस वायरस के लक्षणों में अचानक तेज बुखार, ठंड लगना, भूख कम लगना, मसूड़ों से खून बहना, उल्टी, दस्त और पेट में दर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि के लक्षण हैं। इस वायरस को फैसलने में 5 से 14 दिन लगते हैं। इस संक्रमण के ज्यादा बढ़ जाने से रोगी की मौत हो जाती है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के वायरलॉजिस्ट्स ने कहा कि एसएफटीएस वायरस की मृत्यु दर 6 प्रतिशत और लगभग 30 प्रतिशत उन लोगों में बताई गई है, जो इम्यूनोकैम्प्रेस्ड हैं। उन्होंने आगे कहा कि 2015 में जापान और दक्षिण कोरिया में एक ही वायरस पाया गया था, जहां दोनों देशों में मृत्यु दर 30 प्रतिशत से अधिक पाई गई थी।
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एसएफटीएस वायरस 50 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को और एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। इस नये वायरस ने चीन में हाहाकार मचाया हुआ है। इसके साथ ही दुनिया के लिए भी खतरा मंडराने लगा है।