नई दिल्ली। नोटबंदी के आज 3 महीने पूरे हो गए है। विपक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाए जाने के बाबजूद केंद्र सरकार ये दावा कर रही है कि 3 महीनों में हालात सुधर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि नोटबंदी को लेकर सब हिसाब किताब ठीक चल रहा है और ये फैसला सही साबित हुआ है। इसी बीच आज चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक समीक्षा के नतीजे भी आएंगे। जो नोटबंदी के बाद देश में पैदा हुए हालातों के बारे में जानकारी देंगे। आज इस बात से भी पर्दा उठ जाएगा कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती करेगा या नहीं।
क्या होता है रेपो रेट ?
रेपो रेट यानी नीतिगत ब्याज दर वो होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को बहुत ही थोड़े समय के लिए कर्ज देता है। इस समय ये दर सवा छह फीसदी है, अक्टूबर में इसमें चौथाई फीसदी की कटौती की गई थी।
नोटबंदी के बाद बैंको के पास नकदी काफी ज्यादा है, लेकिन कर्ज की रफ्तार अब भी कम है। ऐसे में ब्याज दर में कुछ और कमी करके कर्ज देने की रफ्तार बढ़ाने की कोशिश हो सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार रेपो रेट में 0.25% तक कटौती हो सकती है।