नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ तीन तलाक के मुद्दे पर बैन लगाने के लिए लाया जा रहा तीन तलाक बिल संसद में पेश हो चुका है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक के मसौदे को संसद के पटल पर रखा। वहीं इसकों लेकर आरजेडी ने विरोध दर्ज करवाते हुए सवाल उठाए है। साथ ही असूद्दीन ओवैसी ने इस बिल को गलत ठहराते हुए कहा कि बिल मूलभूत अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि बिल पास हुआ तो मुस्लिम महिलाओं के मूलभूत अधिकारों का हनन होने लगेगा। ओवैसी ने कहा कि जब पहले से घरेलू हिंसा कानून है तो फिर अलग से बिल लाने की क्या जरूरत है। आरजेडी ने बिल का विरोध करते हुए इसमें सजा के प्रवाधान को गलत ठहराया है।
वहीं दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बिल का समर्थन किया है। कांग्रेस ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि हम तीन तलाक बिल का विरोध वहीं करेंगे और न ही सरकार से इसमें कोई संधोधन करने को कहंगे और बिल को लेकर लोकसभा में अपना पक्ष रखेंगे। विपक्ष के प्रतिक्रिया सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि ये बिल नारी की गरिमा और उसके सम्मान के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को पाप बताया था। मंत्री ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है क्योंकि आज तीन तलाक के मसौदे को संसद के पटल पर रखा गया है। प्रसाद ने उदहारण देते हुए कहा कि पत्नी देर से उठी तो उसके पति ने उसे तलाक दे दिया, ये कहा का न्याय है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अगर ये पाप किया जा रहा है तो क्या सदन चुप रहेगी। उन्होंने कहा कि ये बिल किसी मजहब, पूजा और इबादत के खिलाफ नहीं है।
गौरतलब है कि सरकार के इस बिल के तहत अब मुस्लिम महिलाओं को लगातार तीन तलाक देने वाले उनके पतियों पर कार्रवाई होगी, जिसके तहत तीन तलाक देने वाले शख्स को तीन साल तक की जेल और भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। सरकार ने ये बिल अगस्त में दिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पेश किया है, जिसमें कोर्ट ने तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन बताया था।