बुलंदशहर हिंसाः गोहत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। लेकिन इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या और हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ़्त में नहीं आ पाए हैं। पुलिस ने इस मामले में एक प्रेस रीलीज़ जारी कर कहा है कि ये आरोपी पहले गायों को मारते थे और उसके बाद उसका मांस आपस में बांटते थे। हालाकि पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या मामले में भी दो लोगों को गिरफ़्तार किया है।
हैरान करने वाली बात ये है कि आखिर दो हफ़्ते बीत जाने के बाद तक मुख्य आरोपी बजरंग दल का नेता योगेश राज और शिखर अग्रवाल को पुलिस की गिरफ्त से अत तक क्यों दूर है? ये दोनों आरोपी सोशल मीडिया और टीवी चैनल पर देखे भी जा रहे हैं। पीड़ित को इंसाफ के लिए इतना लंबा इंजार एक सजा की तरह है जैसे मानों कि पीड़ित पक्ष ने कोई गुनाह माफ करने की मांग कर दी हो।
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खबर के मुताबिक बुलंदशहर के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि नदीम, रईस और काला नामक तीन लोगों को गोहत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से एक गाड़ी और लाइसेंसी हथियार भी बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती शिकायत में तीनों के नाम नहीं थे, जिनमें सात आरोपियों के नाम थे। लेकिन जांच के दौरान इन तीनों के नाम सामने आए हैं।
चौधरी ने कहा कि ‘पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इन तीन लोगों के नाम गोहत्या में उनकी वास्तविक भूमिका सामने आई है, आगे की जांच चल रही है। उत्तर पदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने बुलंदशहर जिले के स्याना थानाक्षेत्र में हुई हिंसा के सिलसिले में दो वांछित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि सचिन उर्फ कोबरा एवं जानी चौधरी तीन दिसंबर को स्याना में हुई हिंसा के सिलसिले में संलिप्त थे। प्रवक्ता ने कहा कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ नोएडा की टीम ने सचिन और जानी को स्याना थानाक्षेत्र के गठिया बादशाहपुर बस स्टैण्ड से गिरफ्तार किया। बुलंदशहर हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की मौत हुई थी।