नई दिल्ली। कल साल का पहला सूर्यग्रहण हुआ जिसका नजारा बहुत ही खूबसूरत था। हर कोई ये देखने की कोशिश कर रहा था कि सूर्य को जब ग्रहण लगता है तो वो कैसा दिखता है। सूर्य ग्रहण का समय कल 10:20 मिनट से लेकर 2 बजे तक रहा। भारत से लेकर विश्व में भी सूर्यग्रहण का नजारा देखा गया। सूर्यग्रहण के साथ कल सीतल भी था। ज्योतिष अनुसार ये ग्रहण काफी प्रभावशाली था। सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है। जैसा संयोग इस सूर्यग्रहण का बना 500 सालों में नहीं बना।
ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति
ग्रहण मृगशिरा, आर्द्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण के दौरान 6 ग्रह बृहस्पति, शनि, मंगल, शुक्र, राहु और केतु वक्री अवस्था में होंगे। राहु और केतु तो सदैव ही वक्री रहते हैं। ग्रहों की ऐसी स्थिति सूर्य ग्रहण को बहुत ही अधिक प्रभावशाली बनाएगी। ज्योतिष अनुसार ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं का कारक बन सकता है। जिसकी वजह से भूकंप, आंधी या तूफान जैसे योग बन रहे हैं।
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क्या होता है वलाकार सूर्य ग्रहण
ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। इस दिन सूर्य एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये न तो आंशिक ग्रहण होगा और न ही पूर्ण। चंद्रमा की छाया सूर्य का 99% भाग ढकेगी। जिस कारण सूर्य के किनारे वाले हिस्सा प्रकाशित रहेगा और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाएगा। भारत समेत नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखाई देगा। भारत में देहरादून, सिरसा और टिहरी कुछ ऐसे प्रसिद्ध शहर हैं जहां वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखेगा और देश के बाकी हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा।