नई दिल्ली। कहते है इंसान के हर सवाल का जवाब भागवत गीता में निहित है और ये बात सौ आने सच भी है, लेकिन आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कोई भी इंसान अपने सवालों का जवाब पाने के लिए भागवत गीता का अध्यन नहीं कर पाता। हालांकि वो अपने सवालों का जवाब पाने के लिए फोन का इस्तेमाल कर इंटरनेट के जरिए जवाब ढूंडने की कोशिश करता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब इंसान को उसके हर सवाल का जवाब एक इंसान या इंटरनेट नहीं बल्कि एक रोबोट देगा। आपको बता दें कि इंसान के दिमाग में उपजी सवालों की लहरों को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट बनाया जिसके पास हर सवाल का जवाब होगा और इस रोबोट को वैज्ञानिकों ने ”वर्चुअल पॉलिटिशियन” नाम दिया है।
इस रोबोट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये राजनीति, धर्म, आवास, शिक्षा और आव्रजन से संबंधीत तमाम मुद्दों पर बने सवालों का जवाब देने में सक्षम है। इसी के साथ वैज्ञानिक इसे साल 2020 के न्यूजीलैंड के आम चुनाव में उम्मीदवार बनाने पर भी विचार कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो विज्ञान के दम पर हमारे सामने एक नई क्रांति का जन्म होगा और अगर ये रोबोट चुनाव जीत गया तो हो सकता है कि आने वाले समय में विश्व के हर देश की सत्ता रोबोट्स के हाथ में ही हो। वैज्ञानिकों का मानना है कि साल 2020 तक सैम चुनावों में उम्मीदवार बनने के लिए पूरी तरह से डिजर्व करने लगेगा।
फिलहाल आर्टिफिशल इंटेलीजेंस वाला ये राजनीतिज्ञ फेसबुक मेसेन्जर के जरिए लगातार लोगों को प्रतिक्रिया देना सीख रहा है। इसके अलावा ये विभिन्न सर्वे पर भी तवज्जो दे रहा है। गेरिटसन का मानना है कि एल्गोरिदम में मानवीय पूवार्ग्रह असर डाल सकते हैं। लेकिन उनके विचार से ये इस रोबोट पर बदलती तकनीक का असर नहीं दिखाई देगा। ‘टेक इन एशिया’ की खबर में कहा गया है कि प्रणाली भले ही पूरी तरह सटीक न हो, लेकिन ये कई देशों में बढ़ते राजनीतिक और सांस्कृतिक अंतर को भरने में मददगार हो सकती है।