हमीरपुर। बुंदेलखंड में जब एकता और सांप्रदायिक सौहार्द की बात आती है तो जनपद हमीरपुर के राठ कस्बे का नाम सबसे ऊपर आता है। वैसे तो यह नगर महाभारत कालीन विराट नगर है जहां पांडवो ने अज्ञातवास का एक वर्ष गुजारा था, वहीं दूसरी ओर इस नगर में हिन्दू मुस्लिम भाइयों के बीच आपसी भाईचारा देखने को मिलता है जहाँ एक ओर हिन्दू भाई बिना मुस्लिमो के अपना त्योहार नहीं मनाते वहीं मुस्लिम भी बिना हिन्दू भाइयों के अपना त्योहार नहीं मनाते। राठ नगरी में अमन का बोलवाला है। यहाँ आठो पहर सभी लोग मिलजुल कर रहते है। राठ नगरी में दो समुदाय के लोगों में जो एकता है उसकी दूसरे जनपद के लोग भी मिसाल देते है।
हमीरपुर जनपद के राठ नगर में एकता की अनूठी मिसमल देखने को मिलती है जहाँ हिन्दू और मुस्लिम एक दूसरे के त्योहारों को आपस में मिलजुल कर मनाते है और जब कोई हिन्दू पर्व आता है तो मुस्लिम भाई कंधे से कन्धा मिला कर त्योहारों को मनाते है वहीं हिन्दू भाई भी मुस्लिमो के त्योहार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है।नगर के समाजसेवी हिन्दू मुस्लिम यात्रा का आयोजन करते है तो कुछ सामजसेवी हाजियों और तीर्थयात्रियो का सम्मान करते है ऐसी अनोखी मिसाल से ये सन्देश जाता है कि पूरे देश में ऐसा ही माहौल बने।
यहाँ के लोग बताते है कि ये नगर हमेशा से ही एकता का प्रतीक रहा है। इतिहास गवाह है की आजादी से आज तक कभी यहाँ की साम्प्रदायिकता को ठेस नही पहुंची। यहां दोनो सम्प्रदाय के लोग आपस मे बैठ कर हर समस्या का हल निकाल लेते हैं। जहा कल शाम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की शोभा यात्रा का जुलूस निकला तो मुस्लिम भाइयों ने शोभा यात्रा में हिन्दू भाईयों की शरबत और आइसक्रीम खिला कर स्वागत किया जब मुस्लिम भाइयों का कोई भी त्यौहार आता है तो हिन्दू भाई भी इसी तरह का स्वागत सत्कार करते हैं।
भगवान राम के जन्म दिवस पर पूरा नगर ही नही बल्कि पूरा जनपद भगवा रंग मे रंगा नजर आ रहा था मानो कि आज प्रभु श्री राम यहाँ अपनी कृपा दृष्टि करने वाले हों।
-सन्तोष चक्रवर्ती, संवाददाता हमीरपुर