लखनऊ। राजधानी के एसजीपीजीआई में नर्स से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक का शोषण हो रहा है। यह हम नहीं बल्कि यहां के स्वास्थ्यकर्मी खुद कह रहे हैं,पद से लेकर तनख्वाह तक के लिए परेशान है यहां के स्वास्थ्य कर्मचारी। लेकिन अब यहां के नर्सेज व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने शोषण के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।
शायद यही वजह है कि पीजीआई के नर्सेज स्टाफ एसोसिएशन के आवाह्न पर शनिवार को करीब दो सौ स्वास्थ्य कर्मियों ने एकत्र होकर मांगे न पूरी होने पर कार्य बहिष्कार की योजना बनायी।
बताया जा रहा है कि आने वाले 25 जून को पीजीआई के स्वास्थ्यकर्मी दो घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे।
वर्षों से नहीं हुआ यह काम
नर्सेज स्टाफ एसोसिएशन की मांग है कि उनके कैडर का पुर्नगठन हो,बताया जा रहा है कि 20 साल का समय बीत गया,लेकिन अभी तक एक भी प्रमोशन नहीं हुआ,जबकि पांच प्रमोशन होना चाहिए था।
इसके अलावा नर्सिंग का पदनाम बदलने की भी मांग की जा रही है,एनएसए की अध्यक्ष सीमा शुक्ला के मुताबिक एम्स में नर्सिंग का पदनाम बदल कर नर्सिंग आफीसर कर दिया गया है,लेकिन पीजीआई में यह व्यवस्था अभी तक नहीं लागू हुयी है।
बीस दिन बीतने को लेकिन नहीं मिली तनख्वाह
पीजीआई में आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम कर रहीं नर्सेज को मिलने वाली तनख्वाह पहले ही ऊंट के मुंह में जीरे के समान है,उसपर भी शनिवार को इस महिने के 19 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी को तनख्वाह नहीं मिली है।
अध्यक्ष सीमा शुक्ला बताती हैं कि कोरोना काल में जान जोखिम में डाल आउटसोर्सिंग पर काम कर रही नर्सेज मरीजों की सेवा करती हैं,इन लोगों को 17 हजार के करीब वेतन मिलता है,वह भी समय पर नहीं दिया जाता। ऐसे में करीब 400 नर्सेज के सामने परिवार चलाने की समस्या पैदा हो रही है।