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इस बार 21 अप्रैल को पड़ रही रामनवमी, जान लें पूजा का सही समय और पूजन विधि

अयोध्या के ‘रामनवमी मेले’ की ये है महिमा, इस वजह से जुटती है भारी भीड़

लखनऊ: रामनवमी का त्योहार पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार रामनवमी का शुभ त्योहार 21 अप्रैल को पड़ रहा है। शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ दिनों के व्रत के बाद भक्त भगवान राम की भक्ति में डूब जाते हैं। रामनवमी के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि रामनवमी का सही लग्न कब से शुरू हो रहा है।

11 बजे शुरू होगा पूजा का समय

दरअसल रामनवमी की तिथि 21 अप्रैल से रात्रि 00.43 बजे शुरू होगी। तो वहीं नवमी का समापन 22 अप्रैल रात्रि 00.35 बजे होगा। रामनवमी के लिए पूजा का समय जहां 11 बजकर दो मिनट से एक बजकर 38 मिनट पर संपन्न होगा।इस दौरान पूजा की कुल अवधि  दो घंटा 36 मिनट रहेगी। इसके साथ ही रामनवमी मध्याह्न का समय दोपहर 12 बजकर 20 मिनट रहेगा।

ये है पूजन विधि

आइये अब आपको बताते हैं कि रामनवमी पर पूजन की क्या विधि होगी। रामनवमी की तिथि वाले दिन प्रात:काल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को शुद्ध करने के बाद पूजा आरंभ करें। हाथ में अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें। भगवान राम का पूजन आरंभ करें।

पूजन में गंगाजल, पुष्प, पांच प्रकार के फल, मिष्ठान आदि का प्रयोग करें। रोली, चंदन, धूप और गंध आदि से षोडशोपचार पूजन करें। तुलसी का पत्ता और कमल का फूल अर्पित करें। पूजन करने के बाद रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करना अति शुभ माना गया है। पूजा समापन से पूर्व भगवान राम की आरती करें।

अयोध्या में होता है दीवाली जैसा माहौल

रामनवमी के दिन राम की नगरी अयोध्या में दिवाली जैसा माहौल होता है। रामभक्त सुबह सुबह मां सरयू के तट पर जाते हैं और स्नान करते हैं वहीं शाम का नजारा तो और भी अद्भुत हो जाता है। शाम को यहां पर लाखों की संख्या में लोग सरयू के तट पर दीपदान करते हैं। इससे यहां का दृश्य अत्यंत ही रमणीक हो जाता है।

इस बार नहीं मनाया जाएगा रामनवमी का मेला

यहां पर संतों ने कोरोना के कहर को देखते हुए इस बार रामनवमी का मेला आयोजिन न करने का फैसला लिया है। संतों ने भक्तों और जनता से खास अपील की है कि वो घर पर रहें और घर पर भी प्रभु राम की आऱती करें। दरअसल अयोध्या में हर साल लगने वाले रामनवमी मेले की अपनी खासियत होती है। यहां पर इस दिन लाखों की संख्या देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं और भगवान राम के बाल रूप के दर्शन करते हैं।

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