नई दिल्ली। 22 अप्रैल का दिन पूरे विश्व में पृथ्वी दिवस के रुप में मनाया जाता है, लेकिन लोगों में पृथ्वी के प्रति जागरुकता बढ़ाने और इसके प्रति लोगों को उनकी जिम्मेदारियां याद दिलानें के लिए बनाया गया ये दिन शायद ही किसी को याद होगा। पृथ्वी भले ही एक 3 शब्दों का अक्षर है लेकिन इसका अर्थ बहुत विस्तृत है और यदि हमने आज से ही धरती का ध्यान नहीं रखा तो वो दिन ज्यादा दूर नहीं होगा जब ये धरती ही सबके विनाश का कारण बन जाएगी।
हमें सिर्फ धरती को ही नहीं बचाना बल्कि अपनी जिंदगी को बचाए रखने और आने वाली पीड़ियों के लिए कुछ छोड़ कर जाने के लिए धरती को बचाने की ओर कदम उठाने होंगे। भले ही धरती की रक्षा के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हों या कई तरह के सामाजिक कार्य किए जा रहे हो, फिर भी ये तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक सब लोग अपनी तरफ से कुछ ना कुछ योगदान ना दें।
एक ही दिन क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस
विश्व में पृथ्वी दिवस की शुरुआत 1970 में हुई थी। हालांकि पहले ये 2 दिन मनाया जाता था। 21 अप्रैल और 22 अप्रैल को लेकिन बाद में इसे 22 अप्रैल को मनाया जाने लगा। इसके लिए 22 अप्रैल का दिन ही क्यो चुना गया इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण है। इसे उत्तरी गोलार्ध के वसंत और दक्षिणी गोलार्ध के पतझड़ के प्रतीक के फलस्वरुप मनाया जाता है। बता दें की 22 अप्रैल को ही पृथ्वी दिवस मनाए जाने के पीछे अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेलस्न की सोच है। गेलाड अक्सर पर्यावरण को लेकर परेशान रहते थे और लोगों में इस परेशानी के लिए जागरुकता फैलाने के लिए कोई ना कोई रास्ता खोजते रहते थे।
पर्यावरण के लिए किए गए सीनेटर गेलार्ड के इस प्रयास को सब को मिल कर ही सफल बनाना होगा। क्योंकि कहीं ना कहीं ये बात हम सब ही जानते है की दिन पर दिन पेड़ कटते जा रहे हैं और जनसंख्या बढ़ती जा रही है। पीने का पानी खत्म होता जा रहा है। ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं। लेकिन फिर भी हम इन सब चीजो को नजरअंदाज कर देते हैं।
किस तरह से करें सहयोग
यदि हम पृथ्वी के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकते तो इतना तो कर ही सकते है की प्लास्टिक पोलीबैग्स का प्रयोग कम कर दें और ज्यादा से ज्यादा चीजों को रिसाइकल करें या रियूज करें ताकी धरती का कचरा कम हो सके और खुद भी ज्यादा गंदगी ना करें।
साथ ही सबसे बड़ा योगदान ये करें की हर साल एक पेड़ लगाएं उसे बढ़नें दें और पेड़ो को काटना बंद करें।