क्या आप सोच सकते हैं कि किसी सब्जी की कीमत 85 हजार रुपए किलो हो सकती है ? तो ये बात जानकर आपको हैरानी होगी की ये बात सच है। और खास बात ये है कि इस सबसे महंगी सब्जी की खेती अब हमारे देश में ही हो रही है। दरअसल बिहार के औरंगाबाद में एक किसान ने आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए उस सब्जी को अपने खेत में उगाया है। और उनकी ये मेहनत सफल होती दिख रही है।
किसान अमरेश ने की हॉप शूट्स की खेती
बिहार के औरंगाबाद जिले में रहने वाले किसान अमरेश कुमार सिंह हॉप शूट्स की खेती कर रहे हैं। अमरेश ने कमरडीह गांव में अपनी जमीन पर हॉप शूट्स की 5 कट्ठे में खेती की हैं। बता दें 6 साल पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सब्जी की कीमत 1000 पाउंड प्रति किलोग्राम थी, जो लगभग एक लाख रुपए के बराबर है।
‘60 प्रतिशत से अधिक खेती सफल रही’
किसान अमरेश का कहना है कि वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान के कृषि वैज्ञानिक की देखरेख में इसकी ट्रायल खेती शुरू की थी। और हिमाचल प्रदेश से इसके पौधे मंगवाए गए थे।उन्हेने कहा कि मुझे इस बात की खुशी हो रही है कि हॉप शूट्स की 60 प्रतिशत से अधिक खेती सफल रही है। अमरेश सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा कि अगर पीएम मोदी हॉप-शूट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष व्यवस्था करते हैं तो कुछ सालों में किसानों को कृषि के अन्य माध्यमों के मुकाबले 10 गुना अधिक कमाई होगी।
हिमाचल में होती थी हॉप-शूट्स की खेती
हॉप-शूट्स की खेती ब्रिटेन, जर्मनी समेत अन्य यूरोपीय देशों में की जाती है। भारत में पहले हिमाचल प्रदेश में इसकी खेती होती थी, लेकिन कीमत अधिक होने की वजह से इसकी मार्केटिंग ठीक से नहीं हो पाई और बाद में खेती बंद कर दी गई। किसान अमरेश सिंह हॉप शूट्स के अलावा कई अन्य औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती भी करते हैं। वे कहते हैं कि कृषि के क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ रिस्क लेने पर किसान की जीत होती है।
हॉप शूट्स जड़ी-बूटी के रूप में मशहूर
हॉप शूट्स के फल, फूल और स्टेम का प्रयोग पेय पदार्थ, बीयर बनाने और एंटीबायोटिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। इसके तने से बनी दवा टीबी के इलाज में काफी प्रभावी होती है। और यूरोपीय देशों में हॉप शूट्स जड़ी-बूटी के रूप में लोकप्रिय है। वहां इसका प्रयोग त्वचा को चकमदार बनाने के लिए भी किया जाता है।
कैंसर के इलाज में भी लाभदायक
हॉप शूट्स की खोज 11वीं शताब्दी में हुई थी, तब इसे बीयर में फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। बाद में हर्बल दवा और सब्जी के रूप में इसका प्रयोग होने लगा। हॉप-शूट्स में ह्यूमलोन और ल्यूपुलोन नामक एक एसिड होता है जो मानव शरीर में कैंसर सेल्स को मारने में प्रभावी माना जाता है। और इससे बनी दवा पाचन तंत्र में सुधार करने के साथ ही अवसाद, चिंता और अनिद्रा की समस्या को भी ठीक करती है.