आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और आज मां दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां के माथे पर घंटे के आकार में अर्धचंद्र होता है जो उनके चेहरे के तेज को बढ़ता है। इसलिए इन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है। कहते हैं कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन और उससे जुड़ी परेशानियों से भी राहत मिलती है।
मां चंद्रघंटा का उल्लेख
हिंदू धर्म में नवरात्रि मनाने का खास महत्व होता है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजी की जाती है। उन्ही में से एक हैं मां चंद्रघंटा, उनकी दस भुजाएं हैं। मां के चार हाथों में कमल का फूल, धनुष, जाप माल और तीर होते हैं। पांचवा हाथ अभय मुद्रा में रहता है। जबकि बाकि के हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवारा होती है।
कैसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा ?
मां चंद्रघंटा की प्रतिमा को पटरे पर या वस्त्र बिछाकर वहां स्थापित करें। और उनको सफेद या पीले वस्त्र पहनाकर फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। फिर घी के दिए या कपूर से मां की मूर्ति और स्थापित कलश की आरती उतारें, और हो सके तो दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इससे मां की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है, और मां मनचाहा फल देती हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
नवरात्रि के दौरान दाढ़ी-मूंछ, बालों और नाखूनों को नहीं कटवाना चाहिए।
काले कपड़े पहनकर मां दुर्गा की पूजा न करें।
व्रत रखने वाले लोगों को जूते-बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
व्रत रखने वालों को नवरात्रि के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए।
व्रत खोलने के लिए सिंघाडे का आटा, सेंधा नमक, आलू, मेवा, मूंगफली आदि का सेवन करें।