नई दिल्ली। बसंत पंचमी का त्यौहार भी आ गया और प्यारा और खुशनुमा मौसम सबके सामने है।ऐसे मौसम में वैलेनटाईन डे भी आने वाला है। हिंदू सभ्यता में ऐसा विशेष दिन वंसत पंचमी के समय से होता है।वैसे तो प्यार के लिे कोई एक दिन नहीं होता है।आज पढ़िए प्यार और मोहब्बत की कुछ ऐसी शायरी और गजल।
गालिब-
इस कदर तोड़ा है मुझे उसकी बेवफाई ने गालिब
अब कोई अगर प्यार से भी देखले तो बिखर जाता हूं मैं..
हम तो फना हो गए उनकी आंखे देखकर गालिब
ना जाने वो आएना कैसे देखते होंगे….
उनको देखने से आ जाती है मुंह पर रौनक
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है…
फराज-
तुम्हारी एक निगाह से कतल होते हैं लोग फ़राज़
एक नज़र हम को भी देख लो के तुम बिन ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती
एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़
मोहब्बत भी सकूं वालों को दर्द देती है
उस शख्स से बस इतना सा ताल्लुक़ है फ़राज़
वो परेशां हो तो हमें नींद नहीं आती
राहत इंदौरी-
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं
चाँद पागल हैं अंधेरे में निकल पड़ता हैं
उसकी याद आई हैं साँसों ज़रा धीरे चलो
धड़कनो से भी इबादत में खलल पड़ता हैं
छू गया जब कभी ख्याल तेरा
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा
कल तेरा ज़िक्र छिड़ गया घर में
और घर देर तक महकता रहा