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कभी बने थे मिसाल, लालच ने लगाया कलंक, पढ़िए भ्रष्टाचार की अनोखी दास्तां

कभी बने थे मिसाल, लालच ने लगाया कलंक, पढ़िए भ्रष्टाचार की अनोखी दास्तां

लखनऊः जो कभी अपनी मेहनत और लगन की बदौलत लोगों के लिए नज़ीर बने थे। लेकिन, चंद पैसों के लालच और रसूख स्थापित करने के लिए उन्हीं लोगों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर शर्मसार कर दिया है। यूपी में तमाम ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जहां प्रशासनिक अफसरों ने पैसों के लालच में (रिश्वतखोरी) अपने पदों को कलंकित किया है । यह तीन केस महज बनागी मात्र हैं। जबकि राजधानी लखनऊ समेत कई जिला मुख्यालयों में रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है। यह बात हम नहीं बता रहे आपको बल्कि, भ्रष्टाचार निवारक विभाग का खुद मानना है ।

रिश्वत में दो ईपीएफओ अफसर गिरफ्तार

देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नोएड़ा में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दफ्तर में कार्यरत असिस्टेंट कमिश्नर बृजेश रंजन झा और लेखाधिकारी नरेंद्र कुमार झा ने एक सिक्योरिटी गार्ड फर्म के मालिक से नौ लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। बाद में मामला आठ लाख रुपये में तय हो गया था। असल में फर्म के मालिक पर ईपीएफओ के 74 लाख रुपये बकाया थे जो ब्याज और जुर्माना बढ़ने से 2 करोड़ रुपये हो चुके थे। डील डन होने पर फर्म मालिक ने मामले की शिकायत गाजियाबाद की सीबीआई टीम को दी थी। इसके बाद टीम ने एक प्लान के तहत नरेंद्र कुमार झा और बृजेश रंजन झा को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

फोन पर तहसीलदार ने मांगी थी 3 लाख की रिश्वत

12 नवम्बर 2021 को आगरा जनपद में दाखिल-खारिज करने के लिए तहसीलदार राजू कुमार ने एक फरियादी से कॉल पर तीन लाख रुपए की डिमांड की थी। कुछ घंटों बाद यह ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो चुका था। जब ऑडियो एसडीएम तक पहुंचा तो उन्होने फौरन तहसीलदार को तलब कर स्पष्टीकरण मांग लिया था। मगर तहसीलदार अपने बेगुनाही का सुबूत पेश न कर सके। इसके बाद तहसीलदार के खिलाफ विभागीय एक्शन भी लिया गया। जब एसडीएम ने फरियादी और तहसीलदार को आमने-सामने बैठाया तो जांच में तहसीलदार दोषी पाया गया था।

10 हजार की रिश्वत के साथ लेखपाल गिरफ्तार

13 फरवरी 2021 को बरेली जनपद में खेती की पैमाइश के लिए लेखपाल जैनेंद्र सिंह ने एक किसान से 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। किसान ने खेती की पैमाइश के लिए तहसीलदार को प्रार्थना पत्र दिया था। फिर तहसीलदार के आदेश पर लेखपाल ने किसान से संपर्क साधा। इसके बाद दस हजार रुपए की डिमांड की थी। किसान ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत एंटी करप्शन से कर दी थी। शिकायत मिलने पर टीम ने जांच करने में जुट गई और लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथ गिरफ्तार कर दिया था। इसके बाद टीम किसान को नवाबगंज कोतवाली ले गई।

वीडीओ ने लाभार्थी से ली थी रिश्वत

17 मार्च 2021 को हरदोई जनपद में पीएम आवास योजना की दूसरी किस्त जारी करने के लिए लाभार्थी से 05 हजार की रिश्चवत ले रहे वीडीओ (ग्राम विकास अधिकारी) को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ लिया था। दरअसल, कोथावां विकास खंड की ग्राम पंचायत फरेंदा एक युवक पीएम आवास योजाना का लाभार्थी था। उसे आवास बनने के लिए 40 हजार रुपए की पहली किस्त मिल चुकी थी। दूसरी किस्त जारी करने लिए वीडीओ कामता प्रसाद ने लाभार्थी से बीस हजार रुपए की डिमांड की थी। इसके बाद लाभार्थी ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की,। इसके बाद लाभार्थी ने वीडीओ को कॉल कर कछौना बस अड्डे पर पांच हजार रुपए की रिश्वत दी, तो वैसे ही एंटी करप्शन टीम ने उसे पकड़ लिया और सीधा कोतवाली ले गई।

यूपी में करप्शन का आंकड़ा कम

विजिलेंश टीम के आईपीएस अफसर रमेश भारतीय के मुताबिक, भ्रष्टाचार ने अपनी जड़े हर जगह फैला रखी हैं। लेकिन राजस्थान, बिहार, एमपी और पंजाब की तुलना में यूपी में रिश्वतखोरी के केस कम हैं। जबकि राजस्थान में यह अपराध चरम पर है।

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