लखनऊ। योगी सरकार ने नया किरायेदारी कानून बिल पास कर दिया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कानून को दी मंजूरी। अब मकान मालिक एग्रीमेंट के बिना अपना मकान किराए पर नहीं दे सकेंगे। मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकेंगे।
दरअसल, अक्सर किराएदार और मकान मालिकों के बीच का विवाद कानून व्यवस्था के लिए समस्या खड़ी कर देता है। सरकार को लगता है कि ऐसे कानून से न सिर्फ ऐसे विवाद हल होंगे, बल्कि सरकार के पास भी है डाटा रहेगा कि कितने लोग किराएदार के तौर पर रहते हैं और किसी भी मकान मालिक के पास कितनी अचल संपत्ति है।
यूपी सरकार के प्रस्तावित किराएदारी कानून के मुताबिक, अब बिना एग्रीमेंट के कोई भी मकान मालिक किराएदार नहीं रख पाएगा। साथ ही मकान मालिक को किराएदार की जानकारी किराया प्राधिकरण को देनी होगी। नए कानून के तहत किराएदारी के संबंध में मकान मालिकों को तीन माह के अंदर लिखित अनुबंध पत्र किराया प्राधिकारी को देना होगा।
नए कानून के मुताबिक, अब आवासीय संपत्तियों पर 5 फीसदी और गैर-आवासीय पर 7 फीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगा। किराएदारों को रहने वाले स्थल की देखभाल करनी होगी। किराए की संपत्ति में होनी वाली टूट-फूट की जिम्मेदारी किराएदार की होगी। अगर किराएदार दो महीने तक किराया नहीं दे पाएगा तो मकान मालिक उसे हटा सकेगा।