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एक झटके में खत्म हो गया दुनिया का सबसे ताकतवर एंटीना, करीब 89.46 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान

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नई दिल्ली। दुनिया का सबसे ताकतवर टेलीस्कोप पूरी तरह से नष्ट हो गया। अब दुनिया को एलियन दुनिया और एस्टेरॉयड्स की खबरें देने वाली ऑब्जरवेटरी नहीं रही। यह पूरा एंटीना 450 फीट नीचे गिरकर टूटा गया। एंटीना ने पिछले 50 सालों में कई चक्रवातों, भूकंपों और हरिकेन्स की जानकारियां भी दी हैं। अब साइंटिस्ट हैरान है कि करीब 900 टन का यह ढांचा कुछ ही केबल्स पर टिका है। इसे तत्काल रिपेयरिंग की जरूरत है। अगर जल्द ही इसकी मरम्मत नहीं की गई तो पूरा का पूरा ढांचा गिर सकता है। अगर यह ढांचा गिर गया तो इसे वापस बनाने में काफी समय लग जाएगा। पिछले महीने ही इसका एक केबल टूटने से एंटीना क्षतिग्रस्त हुआ था। उसके बाद मंगलवार को एंटीना के ऊपर पूरा का पूरा एक टावर और बाकी केबल गिर पड़े। इसकी वजह से डिश एंटीना जमीन में गिर गया। इस एंटीना के ऊपर जेम्स बॉन्ड सीरीज की मूवी गोल्डन आई की शूटिंग भी हुई थी।

एंटीना कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला-

बता दें कि यह एंटीना अंतरिक्ष की गहराइयों से आने वाले खतरों जैसे एस्टेरॉयड्स, मेटियॉर्स और एलियन दुनिया आदि की जानकारी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को देता था। यह एंटीना आर्सीबो ऑब्जरवेटरी में लगा है। ये प्यूर्टो रिको में स्थित हैं। इसका संचालन एना जी मेंडेज यूनिवर्सिटी, नेशनल साइंस फाउंडेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा मिलकर करते हैं। इस ऑब्जरवेटरी में एक 1007 फीट तीन इंच व्यास का बड़ा गोलाकार एंटीना है। जो सुदूर अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों को पकड़ता है। इसका मुख्य काम धरती की तरफ आ रही खगोलीय वस्तुओं के बारे में जानकारी देना है। 1007 फीट व्यास वाले एंटीना में 40 हजार एल्यूमिनियम के पैनल्स लगे हैं जो सिग्नल रिसीव करने में मदद करते हैं। इस एंटीना को आर्सीबो राडार कहते हैं। इस ऑब्जरवेटरी को बनने में तीन साल लगे। इसका निर्माण कार्य 1960 में शुरू हुआ था। जो 1963 में पूरा हुआ। इस एंटीना के बीचो-बीच एक रिफलेक्टर है जो ब्रिज के जरिए लटका हुआ है। यहां ऐसे दो रिफलेक्टर्स है। पहला 365 फीट की ऊंचाई पर और दूसरा 265 फीट की ऊंचाई पर। सभी रिफलेक्टर्स को तीन ऊंचे और मजबूत कॉन्क्रीट से बने टावर से बांधा गया है। बांधने के लिए 3.25 इंच मोटे स्टील के तारों का उपयोग किया गया है। ऑर्सीबो राडार यानी एंटीना कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। इसकी गहराई 167 फीट है।

करीब 250 साइंटिस्ट अंतरिक्ष पर नजर रखते थे-

इस एंटीना की मदद से दुनिया भर के करीब 250 साइंटिस्ट अंतरिक्ष पर नजर रखते हैं। इसमें से जो केबल टूटे हैं उनपर 2.83 लाख किलोग्राम का वजन था। इसकी वजह से एंटीना के 100 फीट के हिस्से में छेद हो गया है। एल्यूमिनियम से बने एंटीना का बड़ा हिस्सा टूटकर जमीन पर गिर चुका है। साइंटिस्ट ने टूट-फूट का आकलन किया था तो पता चला कि करीब 89.46 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। अगले महीने तक नए केबल आने की उम्मीद है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऑब्जरवेटरी के प्रमुख ने नेशनल साइंस फाउंडेशन से मरम्मत के लिए नुकसान हुए रकम की मांग की थी। इस एंटीना को जब बनाया गया था तब इसका मकसद रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था। इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था। बाद में इसका उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाने लगा।

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