वॉशिंगटन। रूस और पश्चिमी देशों के बीच में राजनयिकों को लेकर जारी विवाद में रूस ने जैसे को तैसा की संज्ञा अपनाई है। रूस ने अमेरिका के राजनयिक को देश निकाला दे दिया है और वो अपना सामना बांधकर अपने देश रवाना होने को तैयार है। मालूम हो की ब्रिटेन की जमीन पर पूर्व रूसी जासूस नर्व एजेंट पर जहर से हमले के बाद पश्चिम की महाशक्तियों के बीच में राजनयिकों को लेकर टकराव शुरू हो गया है।
वहीं दूसरी तरफ वॉशिंगटन में स्थित रूसी दूतावास में से 50 पूरुष,महिलाएं और पुरुष अपने मुल्क रवाना हो गए हैं। ये सब डलेस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की तरफ जा रहे हैं। दोनों तरख के कुल 171 लोग हैं, जिनमें से 60 रूसी दूत हैं जिनपर वाशिंगटन ने जासूस होने का आरोप लगाया है, ये अपने परिवार के साथ रूसी सरकार द्वारा मुहैया कराए गए दो विमानों से अपने देश रवाना हो जाएंगे। ये विमान थोड़ी देर के लिए न्यूयॉर्क में रूकेंगे।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की 60 अमेरिकी राजदूतों के निष्कासन की घोषणा के बाद से सेंट पीट्सबर्ग में भी अमरीकी दूतावास के पास ट्रकों की आवाजाही चल रही है और दूतावास पर अमेरिकी ध्वज झुका हुआ है।इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी ने बताया कि दूतावास के कर्मचारियों को यहां से जाने के लिए रात के 10 बजे तक का समय दिया गया है। वहीं यहां रहनेवाले लोगों को अप्रैल के अंत तक का समय, जगह खाली करने के लिए दिया गया है।
ये जैसे को तैसा वाली कार्रवाई रूस द्वारा ब्रिटेन से अपने राजनियकों की संख्या में कमी करने की मांग के बाद हुई है। दरअसल रूस के एक पूर्व जासूस पर ब्रिटेन की जमीन पर नर्व एजेंट हमले के बाद पश्चिम और रूस में राजनयिक संकट गहरा गया है। हाल के वर्षों में रूस और पश्चिम के बीच राजनयिकों का यह सबसे बड़ा निष्कासन है और दोनों के बीच शीत युद्ध के बाद संबंधों में हुई सबसे बड़ी गिरावट है।