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वैक्सीन अभी आई नहीं, ये परेशानियां मुंह बाये खड़ी हैं

कोविड-19

नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी ने देश में तांडव मचा दिया है इसी बीच एक बुरी खबर यह भी है की वैक्सीन के निर्माण में बहुत सारी मुश्किलें आ रही है। आपको बता दें कि भारत में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है और ऐसे में सभी की निगाहें कोरोना वायरस की वैक्सीन पर टिक गई है। भारत में वैक्सीन बनाने की लगभग कई सारी तैयारियां हो रही है और कई चरणों में यह काम चल रहा है लेकिन केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने बताया है कि यह व्यक्ति ने अगले साल के शुरुआती समय में ही उपलब्ध हो पाएगी।

हाला की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वैक्सीन आ भी जाए तो देश के कोने-कोने में लोगों तक कैसे पहुंचाया जाएगा कैसे उन लोगों तक सबसे पहले पहुंचाई जाएगी जिन्हें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

भारत की जो दूरदराज के इलाके हैं मसलन लद्दाख और पूर्वी भारत वहां पर वैक्सीन पहुंचा पाना एक बड़ी चुनौती हो जाएगी क्योंकि व्यक्ति को बेहद कम तापमान पर सुरक्षित रखा जाता है और ऐसे में अगर थोड़ी सी भी लापरवाही की गई तो उनके खराब होने के चांसेस बहुत ज्यादा है, इस चुनौती से उबरने के लिए सरकार को व्यवस्थित नियमों को अपनाना होगा।

वैक्सीन वितरण के लिये ट्रेनिंग देना भी बड़ी चुनौती

इसके अलावा एक और सबसे बड़ी चुनौती होगी स्वास्थ्य कर्मियों को इसके संबंध में ट्रेनिंग देना और उन्हें अलग-अलग इलाकों में तैनात करना, एक दूसरी बात यह है कि लोगों को ज्यादा दूरी तय करनी पड़े इस वैक्सीन के लिए यह भी ख्याल रखना होगा। इसके अलावा जो हमारे सबसे पहले उन लोगों को यह डोज दी जाए जो 65 साल से ज्यादा उम्र के हैं, वैज्ञानिकों का मानना है कि रोज देने का कार्य कई महीनों तक भी चलेगा ऐसे में हमें सभी चीजों की पूर्व तैयारी कर लेना जरूरी है।

सभी को नहीं मिलेगी पर्याप्त वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला का कहना है कि साल 2024 तक सभी के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो सकेंगी। बता दें कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या 54 लाख के पार चली गई है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 86961 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 1130 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक कोरोना से कुल 87,882 मरीजों की मौत हुई है। राहत की बात ये है कि कुल मरीजों में से 43,96,399 मरीज ठीक हो चुके हैं

हालांकि कोरोनावायरस का टीका रसिया ने भी भारत को देने के लिए कहा हुआ है लेकिन भारत में रसिया के साथ मिलकर जिस टीके का इजाद किया जाना है यह मैन्युफैक्चरिंग जो भारत में की जानी है उसके लिए भी अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है हालाकी प्रोसेस  शुरू कर दी गई है लेकिन फिर भी 2021 की शुरुआत समय से पहले अभी तक कोई चांद दिखाई नहीं दे रहा है कोरोनावायरस वैक्सीन के भारत में पदार्पण का।

अब ऐसे में एक जो हमारे पास सबसे सुरक्षित हथियार है सोशल डिस्टेंसिंग और self-quarantine इन दोनों हथियारों के जरिए अभी हम लोग कोरोनावायरस से लड़ सकते हैं और अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं।

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