देश में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा दिया है। मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन अब देश धीरे धीरे दूसरी लहर से निकल रहा है। ऐसे में लोगों को अब अपने बच्चों को लेकर डर लगने लगा है। लगातार यह खबरें सामने आ रही हैं कि अभी कोरोना की तीसरी लहर आना बाकी है। जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को होने वाला है क्योंकि इस वायरस से बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे।
डरने की नहीं है जरूरत
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोग परेशान ना हों। इसके लिए लगातार रिसर्च की जा रही है और उस डाटा को कई देशों के साथ साझा किया जा रहा है। गौरतलब है कि कोरोना की दोनों लहरों में अभी तक बच्चे सुरक्षित हैं।
बच्चे संक्रमण को नहीं होने देते गंभीर !
इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चों में कुदरत की ऐसी क्षमता होती है जो संक्रमण को गंभीर नहीं होने देती। जिसके अनुसार वह बीमारियों से लड़ सकतें हैं। हालांकि अगर उसकी उपेक्षा की जाए तो ये बढ़कर गंभीर भी हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो कोरोना की दो लहरों की तरह तीसरी लहर में भी बच्चों पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
दिल्ली में कम हुए केस
पिछले 24 घंटों में 30 मार्च के बाद दिल्ली में सबसे कम केस आए हैं । हालांकि मौत के आंकड़े अभी भी काफी डरवाने है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से 207 मरीजों ने अपनी जान गंवाई है। जो बाकि दिनों के मुकाबले बहुत कम है। ऐसा कहा जा रहा है कि अब देश कोरोना की पीक लहर से निकल चुका है।
ब्लैक फंगस नहीं है कोई बीमारी !
ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मामलों पर अब स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर हो चुका है। जिसके चलते उनकी तरफ से एक बयान सामने आया है। विभाग का कहना है कि ब्लैक फंगस कोई बीमारी नहीं है। इम्यूनिटी की कमी ही ब्लैक फंगस का कारण है। इसे अलग-अलग रंगों में पहचान देना ठीक नहीं है। रंग के बजाय अगर लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा।