बिहार सरकार ने पहले शराबबंदी की और अब राज्य में खैनी पर बैन करने की तैयारी में जुटी है। इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। राज्य सरकार ने पत्र में खैनी को फूड प्रोडक्ट में शामिल करने के लिए कहा है। सरकारी की इस मांग पर (एफएसएसएआई) फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया खैनी को फूड प्रोडक्ट में शामिल करता है। तभी राज्य सरकार स्वास्थ्य के आधार पर खैनी को बैन कर सकती है।
क्या राज्य सरकार कर किस आधार पर करेगी खैनी बैन
बता दें कि एफएसएसएआई एक्ट के तहत किसी भी खाद्य उत्पाद पर प्रतिबंध तभी लगाया जा सकता है, जब तंबाकू और निकोटिन की मात्रा उपलब्ध पायी जाए या कोई नशीले पदार्थ हों जोल लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो। बिहार के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) संजय कुमार ने बताया कि इस मामले में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है उन्होंने बताया कि बिहार में हर पांचवां आदमी खैनी खाता है। प्रधान सचिव ने बताया कि हमारे पास नियम हैं जो सिगरेट के रूप में तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करते हैं, लेकिन खैनी की खपत को लेकर ध्यान देने की जरूरत है।
बिहारः नीतीश ने किया ऐलान, शराबबंदी कानून में होगा संशोधन
एफएसएसएआई के खाद्य उत्पादों की सूची में खैनी शामिल नहीं
कुमार ने कहा कि हालांकि, एफएसएसएआई के खाद्य उत्पादों की सूची में खैनी शामिल नहीं है। इसमें एक बार शामिल हो जाने के बाद, सरकार के लिए प्रतिबंध लगाना आसान होगा।यह भी पाया गया है कि खैनी बिहार में मुंह के कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि तंबाकू का उपयोग कैंसर, लंग और कार्डियोवैस्कुलर जैसी तमाम बीमारियों के लिए कारणों में से एक है। गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी का प्रभावी है इस कानून के लागू होने के बाद से अब तक कई लोगों को कानून को तोड़ने की सजा भी हुई है। बिहार के सीएम बिहार के बाहर भी सार्वजनिक मंच से अपनी इस पहल की चर्चा कर चुके है।