नई दिल्ली। भारत ने सुखोई और ब्रह्मोस की ऐसी घातक जोड़ी तैयार की है जिससे पाक और चीन दोनों हिल जाएंगे। इस घातक जोड़ी से न तो पीओके के टेरर कैंप बचेंगे और न ही करांची इस्लामाबाद में बैठे आतंक के आका। इससे चीन को भी चपेट में आने से चिंता रहेगी। आपको ये जानना जरूरी है कि आखिर भारत सूखोई और ब्रह्मोस की जोड़ी को क्यों डेडली कांबिनेशन कहते हैं।
बता दें कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो 290 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकता है। सूखोई-30 फुल टैंक ईंधन के साथ 2500 किलोमीटर तक मार कर सकती है। वजन के साथ सूखोई-30 की क्षमता घटकर 1800 किलोमीटर रह जाती यानी सुखोई और ब्रह्मोस की जोड़ी 2100 किलोमीटर तक टारगेट हिट कर सकती है। बीते मंगलवार को परीक्षण के बाद ये तय हो गया कि ब्रह्मोस का पैनापन सातवें आसमान तक पहुंच चुका है। अब दुश्मनों पर सीधे आसमान से ब्रहोस का बज्र गिरेगा। ऐसी मार पड़ेगी कि दुश्मन पानी मांगने के भी काबिल नहीं बचेगा।
वहीं सुखोई और ब्रह्मोस की जोड़ी भविष्य में दुश्मनों के लिए और भी घातक साबित होने वाली है क्योंकि डीआरडीओ के साइंटिस्ट ब्रहोस की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। जल्द ही वो दिन आएगा जब 290 किलोमीटर तक मार करने वाले ब्रहोस की क्षमता 600 किलोमीटर तक मार करने की हो जाएगी, वो दिन हमारे दुश्मनों के लिए सबसे बड़ा शोक दिवस होगा।