लखनऊ। पूरे भारत में गरीबी रेखा से नीचे आने वाली या अनुसूचित जाती की फैमिलीयों के बच्चों को पढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से राज्य सरकार को वजीफा (स्कॉलरशिप) दिया जाता है। लेकिन राज्य सरकार कुछ बच्चों को तो वजीफ देती है, लेकिन कुछ बच्चों को तो स्कॉलरशिप आने की भनक तक नही लग पाती है। पूर्व सरकार (अखिलेश सरकार) के 5 साल के कार्यकाल में जितना पैसा केंद्र सरकार द्वारा अखिलेश सरकार को दिया गया था, उतना पैसा बच्चों को नहीं दिया गया है। यह शिकायत जब केंद्र सरकार के पास पहुंची, तो केंद्र सरकार ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारीयों को 15 दिन का समय देकर सपा सरकार में बच्चों को दिए गए वजीफे के सारे रिकॉर्ड देने के आदेश दिए हैं।

केंद्र सरकार ने पूर्व में सपा सरकार को 7 करोड़ रुपए दिये गए थे, लेकिन ना तो सारा पैसा बच्चों को दिया गया है तथा ना ही 7 करोड़ का कोई हिसाब दिया गया है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकरा ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारीयों को 15 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए है। पूरे देश में 2 लाख सलाना आए कमाने वाली फैमिलीयों को वजीफादेती है। पूर्व में अखिलेश सरकार को राज्य में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले बच्चों के लिए 7045 करेड़ धन राशी वितरित की गई थी। इसीलिए केंद्रीय सामाजिक एवं अधिकारित मंत्रालय को सैशन 2012-13 से 2016-17 में बांटी गई छात्रवृती की ऑडिट करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने छात्रवृती के नाम पर अखिलेश सरकार को 2012 से 2017 तक 7045 करोड़ की धनराशी दी गई थी। जिसमें से सपा सरकार ने 3305 करोड़ की ही धन राशी बांटी हैं। उसके बाद बचे हुए 3740 करोड़ रुपए का नातो कोई हिसाब है और ना ही किसा को बांटी गई है।