कोरोना से लगा लॉकडाउन का असर अब भगवान के घर तक जा पहुंचा है। तभी तो देश के सबसे अमीर भगवान कहे जाने वाले तिरुपति बालाजी के दरबार में काम करने वाले 1300 कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है।
आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर में काम करने वाले 1300 कर्मचारियों को बाहर का दरवाजा दिखा दिया गया है।
दरअसल ये स्थायी कर्मचारी नहीं हैं। इनका अनुबंध पिछले 30 अप्रैल को खत्म हो गया था। अब मंदिर प्रबंधन ने नया अनुबंध यानी इन कर्मियों को आगे नौकरी पर निरंतर करने से इनकार कर दिया है।इससे मंदिर के ये कर्मचारी अब सड़क पर आ जाने की स्थिति में आ गये हैं।
खबर सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि, लॉकडाउन की वजह से काम बंद है, इसलिए अब इन 1300 कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट 30 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ा पाएंगे।
आपको बता दें,तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट की तरफ से तीन गेस्टहाउस चलाए जाते हैं, जिनके नाम विष्णु निवासम, श्रीनिवासम और माधवम है।
निकाले गए सभी 1300 कर्मचारी इन्हीं गेस्ट हाउसों में कई वर्षों से काम करते थे।
तिरुपति बालाजी मंदिर के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी गेस्टहाउस बंद हैं, जिस वजह से इन कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट नहीं बढ़ाया गया।
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आपको बता दें, कोरोना वायरस के चलते 20 मार्च से मंदिर बंद है। जरूरी पूजा पुजारियों के द्वारा ही की जा रही है।