लखनऊ: मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री आवास पर रोते बिलखते अभ्यर्थी पहुंच गए। सभी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई। 69000 शिक्षक भर्ती का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछड़ा वर्ग विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चेयरमैन मनोज यादव ने अभ्यर्थियों को समर्थन देते हुए, सरकार पर हमला बोला।
मनोज यादव ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग और केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग दोनों ने यह माना है कि सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण को विधि संगत नहीं लागू किया गया है। जिसके वजह से आरक्षित श्रेणी की सीटों को सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को दे दिया गया है। यह सामाजिक न्याय की हत्या है और पिछड़े और दलित तबके के साथ नाइंसाफी है।
पिछड़े और दलित वर्ग के अभ्यर्थी विगत दिनों राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जी से मुलाकात किए थे और अपनी समस्याओं को रखा था। उन्होंने भी भरोसा दिलाया था कि उनके अधिकार की लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ेगी।
पिछड़ा वर्ग विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चेयरमैन मनोज यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गरीब तबके विशेषकर पिछड़े और दलित वर्ग के अधिकारों से उनको वंचित करना चाहती है और उत्तर प्रदेश सरकार में बैठे लोग दलित और पिछड़ा विरोधी हैं। इसलिए इन वर्ग के छात्रों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया जा रहा है और जेलों में डाला जा रहा है। पिछड़े और वंचित तबके के लोग अपने हक और अधिकार के लिए सरकार से लड़ेंगे और पिछड़ा वर्ग विभाग इस लड़ाई में इन अभ्यर्थियों के साथ हर तरह का सहयोग करेगा।
मनोज यादव ने कहा कि देश के स्तर पर जिस प्रकार से पिछड़े वर्ग के लोगों को मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम डेट में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है और लगभग 4 सालों में 40000 सीटों जो पिछड़े वर्ग की थी, उन्हें प्रदान नहीं किया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में केंद्र से लेकर राज्य सरकारें पिछड़े दलित और आदिवासी तबकों के हक के साथ खिलवाड़ कर रही है।
इन वंचित वर्गों के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक उन्नयन में बाधक बनी है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सिर्फ दिखावा करते हैं कि वह पिछड़े और दलित वर्ग के लिए काम कर रहे हैं, जबकि पूरी सरकार पिछड़े और दलित वर्ग के हक पर डाका डालने में लगी हुई है।