उत्तराखंड

कैदी ने मीडिया को लिखा गुप्त पत्र, जेल में मोबाईल होने की दी सूचना

jail inside mobile कैदी ने मीडिया को लिखा गुप्त पत्र, जेल में मोबाईल होने की दी सूचना

पिथौरागढ़। तामम प्रकार के लोग अपने-अपने तरीके से जागरूकता अभियान चलाने की कोशिश में जुटे हैं इसी का एक हिस्सा माना जा रहा है एक बंदी का जो अभी है तो विचाराधीन लेकिन जेल के अंदर से चिट्ठी के माध्यम से मीडिया को यह बताने में कामयाब हुआ कि जेल परिसर में मोबाईल चल रहा है और वो भी अधिकारियों की देखरेख में।

समाचार पत्रों को रजिस्टर्ड डाक से भेजी गई चिट्ठी में बंदीगृह में चार-चार मोबाइल फोन संचालित होने का आरोप लगाया गया है। आरोप लगाने वाले बंदी ने कहा जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश के कारागार मंत्री को लिखे एक पत्र की प्रतिलिपि शनिवार को समाचार पत्र कार्यालयों में रजिस्टर्ड डाक से प्राप्त हुई।
एक विचाराधीन बंदी की ओर से लिखी गई इस चिट्ठी में आरोप लगाए गए हैं कि पिथौरागढ़ बंदीगृह में पिछले एक वर्ष से मोबाइल फोनों का उपयोग हो रहा है। जिम्मेदार कार्मिकों की देखरेख में संचालित हो रहे इन फोनों के जरिए लगातार बातचीत की जा रही है। डेढ़ माह पूर्व यह मामला थाना पुलिस के संज्ञान में आ गया था। मामला सामने आने के बाद पुराने सिम बंद कर नए नम्बरों से बातचीत कराई जा रही है।
पत्र में कुछ समय पूर्व एक बंदी के यौन शोषण के मामले का भी जिक्र किया गया है। पत्र में चार मोबाइल नंबरों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इनकी कॉल डिटेल निकालकर सत्यता का पता लगाया जा सकता है। आरोप लगाने वाले कैदी ने प्रदेश के कारागार मंत्री से मोबाइल फोन और यौन उत्पीडऩ मामले की जांच की मांग की है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक आरसी राजगुरु ने कहा है कि सोशल मीडिया पर उन्हें पत्र की कॉपी मिली है। मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि पूर्व में आई चिट्ठी पर जांच चल रही है। जल्द सत्यता सामने आ जाएगी।

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