नई दिल्ली। आज हमारा देश भारत अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र को पहली बार संबोधित किया।रामनाथ कोविंद ने उदारता और भाईचारे की बात की।उन्होंने कहा कि त्यौहार मनाते हुए विरोध प्रदर्शन करते हुए या किसी भी अवसर पर हम अपने पड़ोसी की सुविधा का ध्यान रखता यही भाई चारा है।
राष्ट्रपति ने इस परोक्ष सांकेतिक टिप्पणी के सहारे असहमति के नाम पर हिंसा को खारिज किया। उन्होंने संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का जिक्र करते हुए कहा कि वे देश के संविधान में कानून का शासन और कानून द्वारा शासन के महत्व को वे बखूबी समझते थे। इस लिहाज से हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें संविधान और गणतंत्र की यह अनमोल विरासत मिली है।
राष्ट्रपति ने सब्सिडी छोड़ने की अपील की जिससे अमीरों की मदद से गरीबों को फायदा मिल सके।उन्होंने कहा कि अंगदान या ऐसी जरुरत की चीजों को दान करना बेसहारा लोगों की मदद करना सही है।भारतीय प्राचीन संस्कृति को भारत का अहम हिस्सा बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हम लोगों को अपने मन में झांकना चाहिए।नागरिकों को अवसर प्रदान कर खुशहाल बनाना हमारे लोकतंत्र की सफलता की कसौटी है।