पटना। कांग्रेस ने अपनी पार्टी से बिहार ईकाई के प्रमुख अशोक चौधरी को उनके पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया। हालंकि अभी तक पार्टी में उनकी जगह किसी को नहीं दी गई है। इसको लेकर अशोक चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं पार्टी के लिए गए फैसले का स्वागत करता हूं। लेकिन जिस तरह से मुझे पार्टी से अपमानित करके निकाला गया वो नहीं होना चाहिए था। मुझे इसका दुख है। फिलहाल अभी मेरा पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है लेकिन ये भी मंजूर नहीं है कि कोई हमें अपमानित करे।
बता दें कि कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से यह कदम इन खबरों के बीच आया है कि पार्टी की राज्य इकाई में दो फाड़ हो सकता है जिसमें से एक धड़े की अगुवाई चौधरी कर सकते हैं। चौधरी ने हाल में आरोप लगाया था कि एक वर्ग पार्टी की बिहार इकाई में बगावत को हवा देने के लिए उनका नाम लेकर उनकी छवि खराब कर रही है।
वहीं बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक हैं। बिहार में जदयू के महागठबंधन से हटने के बाद इस बात को लेकर आशंकाएं थीं कि उसके कुछ विधायक जदयू में जा सकते हैं। हालांकि कांग्रेस ने दावा किया था कि उसने स्थिति पर नियंत्रण कर लिया है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले माह 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर पार्टी के कामकाज के बारे में उनकी अलग अलग राय जानी थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल ने कांग्रेस विधायकों को बुलाकर इसलिए बातचीत की थी ताकि पार्टी की राज्य इकाई में विभाजन को टाला जा सके।