नई दिल्ली। एक जुलाई से प्रस्तावित चीजों और सेवा पर जीएसटी लागू होने के बाद अब सोन पर 3 फीसदी 500 रूपये से कम कीमत के जूते-चप्पल पर 5 फीसदी और बिस्किट पर 18 और बीड़ी 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। लेकिन सिगरेट तरह बीड़ी के टैक्स पर सेस नहीं लगेगा। वहीं उम्मीद ये भी है कि जीएसटी इन दरों से बिस्किट और जूते चप्पल सस्ते हो सकते हैं। क्योंकि इन पर टैक्स की प्रभावी दर जीएसटी की प्रस्तावित दर से अधिक है। खास बात यह है कि काउंसिल ने सोलर पैनल पर पूर्व में प्रस्तावित 18 फीसद जीएसटी की दर को घटाकर 5 फीसद करने का फैसला किया है। वहीं पूजा सामग्री के संबंध में जीएसटी की दर शून्य रखने का फैसला किया गया है
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 15वीं बैठक में इन वस्तुओं के लिए जीएसटी की दरों को अंतिम रूप दिया गया। इसके अलावा काउंसिल ने रिटर्न फाइलिंग और ट्रांजीशनल रूल्स के मसौदे पर भी मुहर लगाई। ट्रांजीशन रूल में अहम बदलाव यह है कि जिन कारोबारियों के पास जीएसटी लागू होने की तारीख से ठीक पहले जो स्टॉक बकाया है, अगर वह जीएसटी की 18 फीसद या उससे अधिक की श्रेणी में आता है तो उस पर उन्हें 60 फीसद इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।
जबकि 18 फीसद से कम की श्रेणी में आने वाले उत्पाद पर उन्हें 40 फीसद इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा। काउंसिल की बैठक में मुनाफाखोरी रोकने के लिए जीएसटी कानून में लाए गए एंटी प्रॉफिटियरिंग नियम के तहत तंत्र बनाने के संबंध में भी विचार किया गया। साथ ही जीएसटी लागू होने की तैयारियों के संबंध में जीएसटी नेटवर्क की टीम ने एक विस्तृत प्रजेंटेशन भी दिया।
वहीं सोने पर फिलहाल एक प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगता है, जबकि अलग-अलग राज्यों में आभूषणों पर वैट की दर अलग-अलग है। ज्वैलरी पर सर्वाधिक वैट 5 फीसद केरल में लगता है जबकि त्रिपुरा में दो फीसद, महाराष्ट्र में 1.2 फीसद तथा शेष राज्यों में एक फीसद की दर से वैट लगता है। काउंसिल ने अब सोना व चांदी पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। रफ डायमंड पर 0.25 फीसद जीएसटी लगेगा। हालांकि, जीएसटी लागू होने पर ज्वैलर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा का लाभ मिल सकेगा जिससे उनकी लागत कम आएगी।