लखनऊ। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के स्वरूप में एक बार फिर बदलाव होने की बात सामने आ रही है। इसके बाद दुनिया भर के वैज्ञानिक सतर्क हो गए हैं। वायरस के नये वैरिएंट कितना संक्रामक होगा वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुट गये हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक इस नये वैरिएंट का अधिकारिक नाम सामने नहीं आया है।
बताया जा रहा है कि यह बदलाव डेल्टा के स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में हुआ है। रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में बदलाव के कारण यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। वैज्ञानिक आशंका जता रहे हैं कि इससे संक्रमण की दर बढ़ सकती है, लेकिन इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
पुख्ता सबूत ना मिलने के कारण राहत की बात जरूर है, लेकिन इस नए वैरिएंट के वैश्विक स्तर पर 127 मामले मिले हैं,जिसमें से भारत के भी 6 मामले शामिल बताए जा रहे हैं।
कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बदले स्वरूप को यानी कि नये म्यूटेशन को डेल्टा प्लस कहा जा रहा है, लेकिन यह नाम इसका आधिकारिक नाम नहीं है।
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की तरफ से इस बारे में कोई बात नहीं कही गई है, मंत्रालय से जुड़े अधिकारी एक बात जरूर कहते हैं कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के कई वेरिएंट सामने आ रहे हैं,इनमें से कौन सा ज्यादा संक्रामक होगा यह ठीक ठीक नहीं कहा जा सकता।
देश मे कोरोना की दूसरी लहर के लिए कोरोना वायरस के डेल्टा वैरीअंट को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है,इसी वजह से डेल्टा प्लस यानी कि नए वेरिएंट के ज्यादा संक्रामक होने की आशंका वैज्ञानिक जता रहे। हालांकि इस बात पर रिसर्च जारी है।