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संसद के मानसून सत्र की शुरुआत

Parliament संसद के मानसून सत्र की शुरुआत

नई दिल्ली, 18 जुलाई। आज से शुरू हो रहे मानसून सत्र में हंगामा तय है। लेकिन सरकार का मानना है कि इस बार बचे मानसून सत्र में हंगामा नहीं होगा। रविवार को हुई “महापंचायत” (सर्वदलीय बैठक) में भले ही शोर सुनाई नहीं पड़ी, लेकिन विपक्ष ने जता दिया है कि संसद में उसका रुख आक्रामक ही रहेगा।

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संसद में जीएसटी के साथ विपक्ष उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश को राजनीतिक तौर पर “अस्थिर करने के कथित प्रयासों” तथा कश्मीर में अशांति पर केंद्र को घेरने की पूरी योजना बना चुका है।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार सभी मसलों पर चर्चा को तैयार है। इस सत्र में 16 बिल पास कराने की कोशिश होगी।

आतंकी हमले, उन हमलों का असर, विदेश नीति, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में बाढ़ की स्थिति समेत कई मुद्दों को संसद में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

जीएसटी पर हंगामे के आसार, अरुणाचल, उत्तराखंड, एनएसजी, कश्मीर पर घेरेगा विपक्ष।

लंबित प्रमुख बिल- राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक, शत्रु संपत्ति विधेयक, बालश्रम निरोधक विधेयक, व्हिसिल ब्लोअर संशोधन विधेयक लंबित हैं।

वहीं लोकसभा में इंडियन ट्रस्ट एमेंडमेंट बिल, एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एंड रिकवरी आफ डेट बिल पास होने बाकी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है, जीएसटी का राष्ट्रीय महत्व है। यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसका सरकार श्रेय लेना चाहेगी। मैं आशा करता हूं कि सार्थक संवाद के जरिए यह बिल मानसून सत्र में पारित हो जाएगा।

वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलामनबी आजाद के मुताबिक, जब केंद्र सरकार और राज्यों के बीच अविश्वास का माहौल है तो बात कैसे आगे बढ़ सकती है? कांग्रेस केवल मेरिट के आधार पर ही किसी विधेयक का समर्थन करेगी।

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