नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय राजधानी में वायु-वायु गुणवत्ता के लिए जलते हुए ठूंठ को जिम्मेदार हैं। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर यहां एक एसोचैम कार्यक्रम में बोलते हुए, जैन ने प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई पहलों को सूचीबद्ध किया।
जैन ने कहा कि, हमने प्रदूषण से निपटने के लिए कई कठोर उपाय किए हैं- पहले लाखों डीजल जनरेटर बिजली आउटेज के दौरान शहर भर में काम करते थे, आज दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होती है, जो प्रदूषण स्तर को कम करने में मदद करती है, हम भी नियम के साथ आए हैं प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए निर्माण स्थलों को कवर किया, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को शहर की सड़कों पर चलने से रोकने के लिए चालान जारी किए।
हर साल की तरह, पड़ोसी राज्यों में जलते हुए मल से प्रदूषण होता है जो एक हज़ार किलोमीटर के दायरे में फैलने के साथ ही पूरी दिल्ली-एनसीआर में फैल जाता है और वाराणसी से पटना तक चला जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ऑड-ईवन स्कीम जैसे कड़े कदम उठाकर प्रदूषण को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो आम जनता द्वारा समर्थित है, जिससे कारों की संख्या में कमी, यातायात भीड़ और प्रदूषण बढ़ रहा है। जैन ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सरकार इस अप्रिय स्थिति से जुड़े कारणों, लक्षणों, जटिलताओं और उपचारों सहित मधुमेह जागरूकता को बढ़ावा दे रही है क्योंकि ज्ञान इसकी रोकथाम की कुंजी है।