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PUNJAB के मुख्यमंत्री ने पूरी कराई थी मिल्खा सिंह की प्रेम कहानी, यूं परवान चढ़ा था प्यार

Milkha Singh Personal Life PUNJAB के मुख्यमंत्री ने पूरी कराई थी मिल्खा सिंह की प्रेम कहानी, यूं परवान चढ़ा था प्यार

महान धावक और फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का शुक्रवार की रात पीजीआई चंडीगढ़ में निधन हो गया। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली।

इससे पहले 13 जून को उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा ने भी इस दुनिया को अलविदा कहा था। दो महान खिलाड़ियों के निधन से खेल जगत में शोक की लहर है। मिल्खा सिंह और निर्मल मिल्खा सिंह का साथ 59 साल का रहा । इन दोनों की प्रेम कहानी बड़ी दिलचस्प है

कोलंबो में हुई थी मिल्खा और निर्मल की मुलाकात

मिल्खा सिंह और निर्मल कौर की मुलाकात साल 1955 में श्रीलंका के कोलंबो में हुई थी। दरअसल, निर्मल कौर 1955 में भारत वॉलीबॉल टीम के हिस्से के रूप में श्रीलंका के दौरे पर गई थीं । यहीं पर उनकी मुलाकात मिल्खा सिंह से हुई थी. निर्मल कौर उस समय भारतीय महिला वालीबॉल टीम की कप्तान थीं, जबकि मिल्खा सिंह एथलेटिक्स टीम का हिस्सा थे। पहली नजर में मिल्खा को निर्मल पसंद आ गईं।

यूं परवान चढ़ा था प्यार

मिल्खा सिंह को पहली ही नजर में निर्मल कौर से प्यार हो गया। मिल्खा और निर्मल कौर का प्यार परवान तो चढ़ा लेकिन निर्मल कौर के परिवार को मिल्खा सिंह पसंद नहीं थे। शादी में अड़चनें आईं तो पंजाब के मुख्यमंत्री को इनकी प्रेम कहानी पूरी करवाने के लिए आगे आना पड़ा था।

निर्मल के परिवार को नहीं पसंद थे मिल्खा

दोनों ने एक-दूसरे से काफी बातें कीं। जब वापस जाने लगे तो मिल्खा सिंह अपने होटल का पता लिखकर देने लगे। जब कोई कागज नहीं मिला तो उन्होंने निर्मल के हाथ पर ही होटल का नंबर लिख दिया। फिर बातें और मुलाकातें होने लगीं और बात शादी तक पहुंच गईं लेकिन शादी में भी अड़चन आ गई। निर्मल पंजाबी खत्री फैमिली से थीं इसलिए परिवार शादी के लिए राजी नहीं हो रहा था।

प्रताप सिंह कैरो की मदद से हुई थी शादी

मिल्खा और निर्मल की शादी में अड़चनें आ रही थी और ऐसा लग रहा था कि दोनों की शादी नहीं हो पाएगी । ऐसे समय में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने मिल्खा सिंह की मदद की थी । मिल्खा सिंह तब तक काफी चर्चित हो चुके थे और उनकी शादी में अड़चन की बात भी कई लोगों तक पहुंच चुकी थी। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों को पता चला तो वे मदद के लिए आगे आए और दोनों परिवारों से बात कर शादी तय करवा दी।

1962 में हुई मिल्खा और निर्मल की शादी

साल 1962 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। मिल्खा सिंह ने कई बार सार्वजनिक तौर पर अपनी पत्नी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि वे खुद दसवीं पास हैं। बच्चों को पढ़ाने और संस्कार देने में उनकी पत्नी निर्मल का ही अहम रोल रहा है। उनकी गैरमौजूदगी में निर्मल ने बच्चों की पढ़ाई और बाकी सभी बातों का ध्यान रखा। वे अपनी पत्नी को सबसे बड़ी ताकत मानते थे।

1962 में हुई मिल्खा और निर्मल की शादी

एक इंटरव्यू में मिल्खा सिंह ने कहा था कि हर खिलाड़ी और एथलीट की जिंदगी में प्यार आता है, उसे हर स्टेशन पर एक प्रेम कहानी मिलती है। मिल्खा सिंह की जिंदगी में तीन लड़कियां आईं। तीनों से प्यार हुआ, लेकिन शादी उन्होंने निर्मल कौर से की।

 

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