नई दिल्ली। भारत के उस सबसे रॉकेट का प्रक्षेपण हो गया है जिसे जीएसएलवी-मार्क 3 कहा जाता है। जिसका वजन 200 हथियारों के बराबर है। मार्क 3 ने इन 10 खुबियों को साथ अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी हासिल की है।
1- जीएसएलवी में सबसे बड़ी खूबी ये है कि यह देशा का एक ऐसा उपग्रह है जो अंतरिक्ष के प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल कर सबसे जेयादा स्पीड वाली नेट सेवाएं महैया कराएगा।
2- शायद इतनी जल्दी इंटरनेट की सेवाओं को सभी जगह फैलाने में सक्षम न हो लेकिन देश ऐसी क्षमता को विकसित करने पर जोर दे रहा है। जो फाइबर इंटरनेट सेवाओं को जोड़ने में एहम भूमिका निभ सके।
3- यह उपग्रह सबसे भारी अपग्रह हो जो भारत में बना है और इसका प्रक्षेपण भी भारत में हुआ है। इसका वजन तान टन से ज्यादा है।
4- इस जीसैट-19 को अपने देश की निर्मित लीथियम आयन बैटरियों का इस्तेमाल करके एसको संचालित किया गया है।
5- जीएसएलवी की सबसे खास बात ये है कि इममें इतनी क्षमता है कि ये 4000 किलोग्राम के पेलोड को उठाकर भूतुल्यकालिक अंतरण कक्षा (जीटीओ) और 10 हजार किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचा सकता है।
6- देशमें अब तक 2300 किलोगेराम से ज्यादा के वजन को संचार के लिए विदेशी लांचरों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
7- इस रॉकेट का वजन 640 टन है और इसकी लंबाई 43.43 है।
8- साथ ही इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि इस के इसके सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन को इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत में ही तैयार किया है। इसके लिए उन्हें विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ी।
9- इस रॉकेट से अब उन पैसो की वजत कि जा सकती है जो वजनी उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए विदेशी एजेंसियों को दिए जाते थे। साथ ही इससे भारत विदेशी उपग्रहों को भी लुभा सकता है।
10- जीसैट-19 एक ऐसा उपग्रह है जो बहुतंरगी और का और कू बैंड वाले ट्रांसपोंडर्स अपने साथ ले जाता है। इसकी सबसे बड़ी बात है कि इससे पहले बार उपग्र पर कोई भी ट्रांसपोन्डर नहीं था।