न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा येरुशलम को इजराइल की राजधानी घोषित करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हर जगह आलोचना हो रही है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले की आलोचना की है। यूएन के अलावा यूरोपीय देशों ने भी अमेरिका की आलोचना की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यरूशलेम को इजरायल की राजधानी माना था, यह एक ऐसा निर्णय है जिसने दशकों से अमेरिकी नीति को उलट दिया है।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि अमेरिका अब और शांति में दखल नहीं दाल पाएगा फिलिस्तीनी प्रधान मंत्री रामी हमदल्लाह ने यूरोपीय राजनयिकों से मुलाकात की और उनसे कहा कि अमेरिका पूरे क्षेत्र में हिंसा हो बढ़ावा देगा। ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अमेरिका के करीबी सहयोगियों ने भी इस फैसले के लिए अमेरिका को जमकर लताड़ा। ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और स्वीडन ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीब से यरूशलम ले जाने की तैयारियों के अमेरिका के फैसले से हम असहमत हैं।
यरूशलम का दर्जा इस्राइल और फलस्तीन के बीच बातचीत के जरिए तय किया जाना चाहिए ताकि उसके दर्जे पर अंतिम समझौता हो सके।अमरीकी राष्ट्रपति के इस फैसले की चारों तरफ निंदा हो रही है। इस्राइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हिंसक झड़पें भी हुईं। ट्रंप के फैसले के बाद से यह तीसरा रॉकेट हमला है, ट्रंप की विवादित घोषणा के बाद से लगातार विरोध देखा गया है।