नई दिल्ली। हाल के दिनों में देश के सर्वोच्च सदन में अमर्यादित बयान देकर समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने खासा बखेड़ा खड़ा किया था। कई बार नरेश अग्रवाल अपने बेतुके बयानों को लेकर चर्चा में आते रहते हैं। इसबार ये बयान उन्होने फिल्म अभिनेत्री रेखा और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को लेकर दे दिया है। उन्होने इन मनोनीत सदस्यों की सदस्यता को समाप्त कर सदन से बाहर करने तक की बात कह डाली है। वैसी भी नरेश अग्रवाल अपने बेतुके बयानों के लिए खासा ही महारथ हासिल कर चुके हैं।
राज्यसभा में मनोनीत इन दोनों सांसदों की अनुपस्थिति का जिक्र करते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा कि ये दोनों सदस्य रेखा जी और सचिन जी सदन में आते नहीं हैं। तो क्यूं ना इनको निकालकर इनकी सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए। हांलाकि सदन में रेखा और सचिन की उपस्थिति काफी कम रहती है। नरेश अग्रवाल ने विजय माल्या को सदन से निकाले जाने की बाद कहते हुए कहा कि अगर माल्या को सदन से बाहर किया जा सकता है तो इनको सदन में क्यूं रखा गया है।
संवैधानिक व्यवस्था के जरिए राज्यसभा में 12 सदस्यों के नमोनयन की व्यवस्था होती है। जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों से लोगों को मनोनीत किया जाता है। लेकिन कई सदस्य सदन में नहीं आते हैं। इस बारे में नरेश अग्रवाल कई बार इस मुद्दे को उठा चुके हैं। उनका कहना है कि जो सदस्य सदन में नहीं आते हैं या कम आते हैं इसका मतलब है कि उनको सदन में कोई रूचि नहीं है। अगर नहीं कोई रूचि है तो उन्हे स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए।
देखा जाये तो सचिन और रेखा साल 2012 में सदन में नमोनीत किए गये थे। जिसके बाग 348 दिनों में सदन की कार्यवाही में सचिन 23 दिन और रेखा 18 दिन ही सदन में रहे। बजट सत्र में भी ये केवल एक दिन ही मौजूद रहे । अभी मानसून सत्र में ये दोनों नदारद हैं। मौजूदा समय में सदन में मनोनीत सदस्यों में 12 सदस्य हैं जिनमें सचिन तेंदुलकर, रेखा, अनु आगा, संभाजी छत्रपति, स्वप्न दासगुप्ता, रूपा गांगुली, नरेंद्र जाधव, एमसी मैरीकॉम, के पारासरन, गोपी सुरेश, सुब्रमण्यन स्वामी और केटीएस तुलसी शामिल हैं।