featured यूपी

लक्ष्मण जी की नगरी ‘लखनऊ’ की होली है निराली, जानिए क्या होता है खास

लक्ष्मण जी की नगरी ‘लखनऊ’ की होली है निराली, जानिए यहां के दिलचस्प किस्से

लखनऊ: भगवान लक्ष्मण की नगरी लखनऊ में होली का रंग भव्य और अद्भुत है। यहां होली का रंग एकदम निराला है। यहां की होली और उसकी चकल्लस पूरी दुनिया में मशहूर है। होली पर लखन नगरी में खूब धूमधाम होती है। लोग खूब मस्ती करते हैं।

इस मौके पर क्या छोटा, क्या बड़ा सभी लोग एक ही रंग में रंगे नजर आते हैं। यहां आकर धर्म की दीवार भी टूट जाता है।

होली पर टूट जाती हैं धर्म की दीवारें

बात तहजीब की हो और लखनऊ का नाम न आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता। यहां क्या हिंदू क्या मुस्लिम सभी भाई मिलजुल कर होली का त्यौहार मनाते हैं। पुराने लखनऊ में तो होली का एक खास ही अंदाज होता है। यहां के चौक इलाके में होली के त्यौहार को रंगोत्सव के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मण जी की नगरी ‘लखनऊ’ की होली है निराली, जानिए यहां के दिलचस्प किस्से

तीन दिन के उत्सव में रंग जुलूस के माध्यम से होरियारे होली का गायन करते हैं और बड़ी संख्या में जुलूस निकालते हैं। वहीं, होली पर लखनऊ का पान भी मशहूर है। जुलूस में शामिल होरियारों का स्वागत पान खिलाकर किया जाता है। इसके साथ ही ठंडाई और चहुंओर उड़ते अबीर-गुलाल मन मोह लेते हैं।

घोड़ों और ऊंटों पर निकलता है जुलूस

गौरतलब है कि पहले लखनऊ में हाथियों को दूरदराज से लाया था और उस पर बैठकर होरियारे जुलूस निकालते थे, लेकिन बाद में हाथियों को होली पर प्रतिबंधित कर दिया गया। उसकी जगह घोड़ों और रथ के साथ बैंडबाजे ने ले ली।

लक्ष्मण जी की नगरी ‘लखनऊ’ की होली है निराली, जानिए यहां के दिलचस्प किस्से

वहीं, होली में लोग जुलूस में कहीं कहीं लोग ऊंटों का इस्तेमाल करते हैं और धमाचौकड़ी करते नजर आते हैं।

मुस्लिम समुदाय जुलूस पर करता है पुष्प की बारिश

लखनऊ के चौक स्थित कोनेश्वर मंदिर के पास से जब होरियारे जुलूस की शक्ल में निकलते हैं, तो मुस्लिम समुदाय उन पर पुष्प और इत्र की बारिश करता है। बता दें, लखनऊ में मनाई जाने वाली होली हिंदू-मुस्लिम भाइचारे का भी संदेश देती है।

लक्ष्मण जी की नगरी ‘लखनऊ’ की होली है निराली, जानिए यहां के दिलचस्प किस्से

होली पर मुस्लिम समाज के लोग भी हिस्सा लेते हैं और एकता का पैगाम देते हैं। इसके साथ ही होली की शाम को मुस्लिम समाज के लोग हिंदुओं के घरों में होली मिलने जाते हैं।

लखनऊ में होली और मुहर्रम मना एक साथ

तहजीब की नगरी लखनऊ का भाई-चारा पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां नवाबों के समय से ही होली मनाई जाती रही है। नवाबों ने अपने शासनकाल में कभी होली के त्यौहार में रुकावट डालने का प्रयास नहीं किया।

जुलूस हाथी पर 55 लक्ष्मण जी की नगरी ‘लखनऊ’ की होली है निराली, जानिए क्या होता है खास

इस मामले में एक दिलचस्प किस्सा है कि जब लखनऊ में एक बार मुहर्रम और होली एक ही दिन पड़ गए। तो उसे देखते हुए हिंदुओं ने उस साल होली न मनाने का फैसला कर लिया। जब ये बात नवाब वाजिद अली शाह को पता चली तो उन्होंने लोगों से पूछा कि हिंदू होली का त्यौहार क्यों नहीं मना रहे हैं।

नवाब वाजिद अली शाह हुए होली में शामिल

इस पर वहां मौजूद लोगों ने बताया कि हिंदुओं ने मुहर्रम को देखते हुए होली न मनाने का फैसला किया है। इस पर वाजिद अली शाह को आश्चर्य हुआ और उन्होंने कहा कि हिंदुओं ने मुस्लिमों की भावनाओं का सम्मान किया है, इसलिये अब मुस्लिमों को भी हिंदुओं की कद्र करनी पड़ेगी।

लक्ष्मण जी की नगरी ‘लखनऊ’ की होली है निराली, जानिए यहां के दिलचस्प किस्से

इसके बाद ठीक उसी दिन नवाब वाजिद अली शाह ने एलान किया कि पूरे अवध में उसी दिन होली मनेगी, जिस दिन मोहर्रम है।

उन्होंने कहा कि होली के त्यौहार में वो स्वयं शामिल होंगे। वाजिद अली शाह के ऐलान के बाद हिंदुओं में खुशी की लहर दौड़ गई। हिंदुओं ने उनको धन्यवाद दिया और धूमधाम से होली का त्यौहार मनाया।

Related posts

आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर डोईवाला में हुई कांग्रेस की समीक्षा बैठक

Rani Naqvi

विदेश मंत्री अपने दो दिवसिय बांग्लादेश दौरे के लिए रवाना, करेंगी रोहिंग्या संकट पर चर्चा

Breaking News

राहुल गांधी बोले भारत के लोगों से अन्याय किया भारतीय चौकीदार ने

bharatkhabar