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राष्ट्रीय खेल दिवस पर सूना पड़ा है ग्राउण्ड, खिलाड़ी दिखे मायूस

national sports day राष्ट्रीय खेल दिवस पर सूना पड़ा है ग्राउण्ड, खिलाड़ी दिखे मायूस
  • खेल डेस्क || भारत खबर

इस बार राष्ट्रीय खेल दिवस का पूरा समय फीका रहा। राष्ट्रीय खेल दिवस पर खेल का ही आयोजन नहीं किया गया, पूरे भारत में कोरोना महामारी के चलते मायूसी के साथ खेल दिवस मनाया गया है। हालांकि Nationa Sports Day 2020 के अवसर पर बहुत सारी प्रतिभाओं को राष्ट्रपति के हाथों प्रोत्साहित होने का मौका अवश्य मिला है लेकिन यह मौका भी ठीक वैसा नहीं है जैसा पिछले कुछ दिनों में हुआ करता था।

मेरठ की बात करें तो खेल दिवस पर यहां भी पूरा माहौल फीका रहा। हर वर्ष हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस के अवसर पर खेल दिवस के उपलक्ष में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ, इससे खेल प्रतिभाओं का मन दबा-दबा सा दिखा।

हर वर्ष कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम, एनएएस कालेज हॉकी ग्राउंड और बीएवी ग्राउंड आदि जगहों पर प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती थी। लेकिन इस बार किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित नहीं कराई जा रही हैं। शहर के इतिहास में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि विश्व भर में हॉकी को अलग पहचान देने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस यानी राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं किया जाएगा।

क्रांतिधारा मेरठ कई सारी प्रतिभाओं को अपने में समेटे हुए हैं, शहर में हॉकी के लिए मशहूर NAS Collage Meerut में भी हॉकी प्रतियोगिता इस बार नहीं कराई गई। ऐसे में सिर्फ वर्चुअल प्रतियोगिताओं का ही आयोजन हो रहा है। जिसमें खिलाड़ी आनलाइन हिस्सा लेकर Major Dhyanchand को याद करेंगे।

क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी आले हैदर का कहना है कि शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार इस बार प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं कराई जा रही हैं। कोरोना के चलते पूरी दुनिया में बहुत कुछ नुकसान हुआ है खेल प्रेमियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ

Major Dhyanchand का मेरठ से रहा है पुराना नाता

सरकारी नजरअंदाज और खेल के प्रति गिरते स्तर को देखते हुए समाज में चिंता की लहर देखी जा रही है मेरठ शुरू से ही खेल प्रतिभाओं के लिए एक अलग मुकाम बनाने वाला जिला माना जाता रहा है लेकिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का मेरठ से पुराना नाता होने के बावजूद यहां पर राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन किया जाना और यहां पर हाथी की प्रतिभाओं का कम पाया जाना बेहद चिंता का विषय बना हुआ है

साल 1921 से 1922 में ध्यानचंद का मेरठ आना हुआ था। उस समय में शहर में एकमात्र एनएएस कालेज का ग्राउंड ही हॉकी मैदान के रुप में जाना जाता था। ऐसे में ध्यानचंद यहीं पर आकर अभ्यास किया करते थे।

हॉकी खिलाड़ी करेंगे ध्यानचंद को याद

जिला हॉकी संघ राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मेजर ध्यानचंद को याद करेगा। इस अवसर पर एक छोटा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। संघ के सचिव व हॉकी कोच प्रदीप चिन्योटी ने बताया कि इस बार प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो सकेगा। ऐसे में संघ द्वारा हॉकी के जादूगर को याद किया जाएगा।

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