नई दिल्ली: जबरदस्त वापसी करने वाली विराट एंड कपनी गुरुवार से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट में भी जीत की लय कायम रखकर बराबरी के इरादे से मैदान में उतरेगी। पहले दो टेस्ट में हार के बाद टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए नॉटिंघम में तीसरा टेस्ट 203 रन से जीता था।
भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पीछे है। पिछले टेस्ट के प्रदर्शन को देखकर तो लग रहा है कि वह सर डॉन ब्रेडमैन की ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रदर्शन को दोहरा सकते है जिसने 1936 में दो मैच हारने के बाद एशेज सीरीज जीती थी।
टीम इंडिया में बदलाव की गुंजाइश नहीं
भारतीय टीम अपने पिछले प्रदर्शन से प्रेरणा ले सकती है। भारतीय तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड के शीर्षक्रम की कमजोरी उजागर कर दी है। इसके अलाव कोहली का शानदार फार्म भारत के लिए सोने पे सुहागा साबित हुआ है। अब तक इस सीरीज में 46 में से 38 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए हैं। चौथे टेस्ट में हरी भरी पिच मिल सकती है जो तेज गेंदबाजों की ऐशगाह साबित हो सकती है।
बल्लेबाजों का प्रदर्शन भी अच्छा रह है जिससे अंतिम एकादश में किसी बदलाव की गुंजाइश नहीं लगती। इससे संभवत: पिछले 45 मैचों से हर मैच में बदलाव के सिलसिले पर भी रोक लग सकती है। इसकी शुरुआत 2014 में साउथम्पटन से ही हुई थी। कोहली ने 45 में से 38 मैचों में हर बार टीम में बदलाव किया है।
भारतीय तेज गेंदबाजों ने लंबा बल्लेबाजी अभ्यास किया। हालांकि जसप्रीत बुमराह नहीं उतरे । तीसरा टेस्ट, इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी ने बल्लेबाजी अभ्यास किया। नॉटिंघम की पिच सूखी थी जिस पर बुमराह को सीम मिल सकी लेकिन यहां विकेट पर हरियाली है जो यादव को रास आ सकती है। अब देखना यह है कि भारतीय टीम बदलाव करती है या नहीं।