नई दिल्ली। मां भारतीय के अमर सपूत भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने गुरूवार की शाम नई दिल्ली स्थित एम्स में अपनी अन्तिम सांस ली। अटल जी ने इस धराधाम से उस धाम की यात्रा के लिए महाप्रयाण किया। लेकिन अपने पीछे छोड़ गए कई कहानियां । जिनके जरिए अटल जी सदैव सभी भारतवासियों के बीच जीवित रहेंगे।
हर कोई कायल था!
अटल जी के जीवन और व्यक्तित्व का कायल तो हर कोई था। लेकिन अटल की के ह्रदय पर कुछ बातों की छाप जरूर पड़ी थी। वैसे तो साहित्य गीत संगीत फिल्मों से अटल जी का गहरा नाता रहा था। लेकिन वहीदा रहमान और राजकपूर साहब की फिल्म तीसरी कसम से उनका जुडाव खासा रहा था। प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु के चर्चित उपन्यास मारे गए गुलफाम पर साल 1966 में ये फिल्म तीसरी कसम बनी थी। इस फिल्म में उपन्यास के कलाकारों को पर्दे पर राजकपूर और वहीदा रहमान ने जीवंत किया था। फिल्म की पटकथा खुद फणीश्वर नाथ रेणु ने लिखी थी। फिल्म का निर्देशन बासु भट्टाचार्य ने किया था। इस फिल्म के निर्माता गीतकार शैलेन्द्र थे।
अटल जी को बहुत भा गई थी
यह फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई थी। इस फिल्म में अभिनय, निर्देशन, गीत संगीत बेजोड था। इस फिल्म को 1967 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था। इस फिल्म की सादगी अटल जी को बहुत भा गई थी। वो इस फिल्म के दीवाने थे। इसके अलावा देवदास और बंदिनी फिल्मे भी अटल जी की बहुत करीब रही हैं। इनके अलावा अभिताभ और राखी की फिल्म कभी-कभी का गीत कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है उन्हे बेहद पसंद था।