- त्रिनाथ मिश्र, भारत खबर
मेरठ। सावन का पहला सोमवार उनलोगों के लिए बेहद फलदाई होता है जो भगवान शिव की उपासना करते हैं और मन से उन्हें याद करते हैं। सोमवार के साथ ही सावन माह का व्रत शुरू हो जाता है और इसी व्रत को पांच सोमवार तक करने वालों को भोलेनाथ मन मांगी मुराद देते हैं।
पुराणों, शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं जो क्रमश: सावन सोमवार, सोलह सोमवार और सोम प्रदोष के नाम से जाने जाते हैं, पंडितों के बनुसार ये सभी व्रत सावन माह में ही शुरू होते हैं, इनकी पूजा विधि भी लगभग समान ही होती है।
धर्मिक मान्यताओं में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व बताया जाता है। यह व्रत दिन के तीसरे पहर तक चलता है और इसमें शिव-गौरी की पूजा अर्चना की जाती है। श्रद्धालुओं को प्रातः काल उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत कथा सुननी चाहिए, इसके बाद शिव-पार्वती को भोग लगाकर व्रत की शुरुआत करनी चाहिए। व्रत के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखें-
- वैसे तो व्रत के दौरान कोशिश करें के निराजल ही संकल्प पूरा करें। यदि संभव नहीं है तो एक बार जल ग्रहण कर लें और कई बार लोग एक समय का भोजन भी ग्रहण कर लेते हैं, सुविधानुसार सभी कार्य सम्पन्न करने चाहिए।
- व्रत के दौरान यदि निराजल नहीं रह पाते तो शरीर की ऊर्जा बरकरार रखने के लिए पनीर, चना और अन्य पौष्टिक आहार को ग्रहण करें।
- सुबह शाम शुद्ध मन से भगवान भोले का ध्यान करें और अपने जीवन में भी उसे लगातार बनाए रखने का संकल्प लें।
- ज्यादा गुस्सा न करें, किसी की बुराई न करें, किसी के प्रति घृणा या द्वेष की भावना मन में न लाएं।