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यूपी में यहां बनेगा पहला मेडिकल डिवाइस पार्क, ये होगी खासियत

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लखनऊ। आने वालों कुछ सालों में उत्तर प्रदेश देश के दवा उत्पादन या चिकित्सकीय काम में प्रयोग आने वाले उपकरणों का हब बनेगा। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल ने अब तेजी पकड़ ली है। इसके तहत उत्तर प्रदेश का पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण (यीडा) के एरिया में बनाया जाएगा। यीडा ने इसके लिए गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन तय कर दी है। इस मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। यह सेंटर पांच एकड़ में बनेगा। इस सेंटर से स्टार्टअप कंपनियों को फायदा मिलेगा। इनक्यूबेशन सेंटर के लिए यीडा ने आईआईटी कानपुर से अनुबंध किया है। दो चरणों में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के जरिए 5,250 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

चीन पर निर्भरता होगी कम

गौरतलब है कि भारतीय दवा उद्योग का दुनिया में तीसरा नंबर है। इसके बावजूद तमाम दवाओं के कच्चे माल के लिए भारत चीन पर निर्भर है। कुछ दवाओं के कच्चे माल के मामले में 80 से 100 फीसदी तक हम निर्भर ही हैं। कोरोना के बाद इसका संकट और गहरा गया है। इसको देखते हुए नीति आयोग ने आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए फार्मा और उसके उपकरण बनाने के लिए पार्क बनाने की रणनीति तैयार की। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया है।

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सीएम योगी ने लखनऊ और नोएडा के लिए दी है अनुमति

इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  लखनऊ और नोएडा में ऐसे पार्क बनाने की स्वीकृति प्रदान करने केंद्र सरकार को पर लिखा। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा था कि मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए लखनऊ और नोयडा बिल्कुल उपयुक्त हैं। लखनऊ में केंद्र के चार दवा अनुसंधान केंद्र हैं। इनके शोध का स्तर बेहद स्तरीय है। इनके द्वारा कई रोगों की उच्च कोटि की दवाएं और चिकित्सकीय उपकरण बनाए भी जा रहे हैं।

इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा को देश के विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में गिना जाता है। यहां पर अब तो जेवर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भी बन गया है। इतना ही नहीं इसके अलावा अब सरकार की नई औद्योगिक और फार्मा नीति भी निवेशकों के बेहद मुफीद है। लिहाजा उप्र को दो बल्क ड्रग्स या मेडिकल डिवाइस पार्क आवंटित करने का कष्ट करें। केंद्र सरकार यूपी में जिस मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को अनुमति देगी उसे केंद्र सरकार से करीब 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा।

350 एकड़ भूमि में बनेगा पार्क

इस सोच के तहत यूपी में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को लेकर सरकार ने अपने प्रयास जारी रखे। जिसके तहत नोएडा के सेक्टर-28 में 350 एकड़ भूमि मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने ले लिए चिन्हित की गई। इस भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क दो चरणों में विकसित किया जाएगा। यहां प्लॉट के बजाय तैयार शेड उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। ताकि शीघ्र इकाई लगाकर मेडिकल उपकरणों का उत्पादन किया जा सके।

अभी और भी 350 एकड़ एरिया के लिए आएगी योजना

पहले चरण में 125 एकड़ में शेड बनाकर उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। दूसरे चरण में भी 225 एकड़ एरिया में यही योजना आएगी। विशाखापत्तनम में इसी तरह के मेडिकल डिवाइस पार्क बना है। यीडा के अधिकारियों ने विशाखापत्तनम के मेडिकल डिवाइस पार्क का कुछ माह पूर्व दौरा भी किया था। वहां की बारीकियों को देखा और अब यहां पर उनको अमल में लाया जाएगा। इसी क्रम में प्राधिकरण ने हैदराबाद के कलाम इंस्टिट्यूट से मेडिकल डिवाइस पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई है। अब उसी के आधार पर उत्तर प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की तैयारी है।

ये होगी खासियत

इस पार्क की एक ख़ास बात यह भी है कि नोएडा के मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर बनाएगा। प्राधिकरण ने कानपुर आईआईटी को इसके लिए अनुबंध किया है। ताकि नई तकनीक का आदान-प्रदान  हो सके। मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली स्टार्टअप कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। इससे दो फायदे होंगे। पहला इनक्यूबेशन सेंटर और समृद्ध होगा। दूसरा स्टार्टअप्स कंपनियों को कानपुर IIT से सहयोग मिल सकेगा। प्राधिकरण ने इसकी कार्य योजना तैयार कर ली है। इसके अलावा यीडा मेडिकल डिवाइस पार्क में कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी विकसित करेगा। इसमें यहां आने वाली कंपनियों के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। एक ही छत के नीचे कंपनियों को उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मिलेंगी। कुल मिलाकर सेक्टर-28 में बनाया जाने वाले इस मडिकल डिवाइस पार्क की खूबियों के चलते हेल्थ सेक्टर में कार्यरत संसार की विख्यात कंपनियां यहां निवेश करने के लिए आगे आएंगी। यीडा के अधिकारी यह दावा कर रहें हैं।

इन्क्यूबेशन सेंटर क्या है

स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मददगार स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मदद करने वाले संस्थानों को इन्क्यूबेशन सेंटर कहा जाता है। इन्क्यूबेशन सेंटर प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स के लिए जीवनदायिनी की तरह होते हैं। इसमें व्यापारिक, टेक्टिनिकल सुविधाएं, गाइडेंस, प्रारंभिक विकास निधि, नेटवर्क, रिलेशन, सहकारी रिक्त स्थान, लैब, आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं।

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