मॉस्को में रविवार को फ्रांस ने एक बार फिर वर्ल्ड कप का पर कब्जा किया है।मालूम हो कि वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से करारी शिकस्त देकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली। फ्रांस की ताबड़-तोड़ टीम को बनाने वाले 20 साल बाद वर्ल्ड कप दिलाने का श्रेय कोच दिदिएर डेसचेम्पस को जाता है।
फ्रांस की वर्ल्ड कप जीत के साथ ही कोच के साथ भी एक खास तरह का कीर्तिमान जुड़ गया है। सिर्फ फ्रांस की टीम ने ही दूसरी बार फीफा विश्व कप खिताब नहीं जीता है। बल्कि कोच दिदिएर डेसचेम्पस ने भी ट्रॉफी दूसरी बार जीती है।
20 साल बाद फ्रांस का हुआ फीफा वर्ल्ड कप,जानिए- कैसे फ्रांस ने की जीत हासिल
बता दें कि इससे पहले बतौर खिलाड़ी उन्होंने ये खिताब जीता था। इस बार कोच के रूप में जीता। इसी के साथ दिदिएर ये मुकाम हासिल करने वाले विश्व दुनिया के तीसरे शख्स बन गए हैं।
लगातार तीन मैचों को अतिरिक्त समय में जीत कर फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के फाइनल में पहुंची क्रोएशिया पहली बार खिताब नहीं जीत सकी। अपने पिछले चार मैचों में एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करने वाली क्रोएशियाई टीम यह सिलसिला फ्रांस के खिलाफ फाइनल में नहीं दोहरा सकी।
फीफा वर्ल्ड कप-फ्रांस और क्रोएशिया के बीच फीफा वर्ल्ड कप 2018 के फाइनल मुकाबले से पहले पूरी जानकारी
क्रोएशिया की किस्मत ने भी फाइनल मुकाबले में साथ नहीं दिया।मैच का पहला गोल फ्रांस का किया।लेकिन यह आत्मघाती गोल था। जो क्रोएशिया के मारियो मंडुजुकिच ने किया।गौरतलब है कि मंडुजुकिच के गोल से ही क्रोएशिया ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 2-1 से हराने में कामयाबी पायी थी। यह विश्व कप के फाइनल में हुआ पहला आत्मघाती गोल था। जिसने क्रोएशिया को निराश कर दिया।
इसी गोल से फाइनल मैच में क्रोएशिया की उल्टी गिनती शुरू हो गई। हालांकि ईवान पेरीसिच ने शानदार गोल ठोक क्रोएशिया को बराबरी करने का मौका दिया।
वर्ल्ड कप में क्रोएशिया का भाग्य क्रोएशिया से रूठा रहा। जिस पेरीसिच ने गोल दाग कर क्रोएशिया को मैच में बराबरी दिलाई। उन्हीं से हैंडबॉल हो गया और फ्रांस को 38वें मिनट में मिली पेनल्टी किक मिल गई।बता दें कि क्रोएशिया भले ही हार गई हो लेकिन उसने बारने के बाद भी फुटबॉल प्रेमियों का दिल जीत लिया है।