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बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली से NPA में आई गिरावट- गवर्नर शक्तिकांत दास

शक्तिकांत दास बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली से NPA में आई गिरावट- गवर्नर शक्तिकांत दास

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि फंसे कर्ज की वसूली से एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) में गिरावट आई है। गवर्नर ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र बड़े सुधार की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों को अपने कामकाज में परिवर्तन करने की जरूरत है। आरबीआई की अर्द्घवार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) को पेश करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि कमजोर और संकट में फंसे बैंकों को पुनः पूंजीकरण व्यवस्था उबारने की कोशिश की है। गवर्नर ने कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में लंबे समय बाद सुधार दिखाई दे रहा है। तीन वर्षों में पहली बार चालू वित्त वर्ष के सितंबर में सकल एनपीए में गिरावट दर्ज की गई है।

शक्तिकांत दास बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली से NPA में आई गिरावट- गवर्नर शक्तिकांत दास
बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली से NPA में आई गिरावट- गवर्नर शक्तिकांत दास

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एनपीए में आई  इस गिराव के बावजूद भी एनपीए की राशि अब भी काफी ज्यादा दिख रही है। वहीं आरबीआई के सुधारों का अनुपात बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की चालू वित्त वर्ष में 41 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त देने की घोषणा के बाद बैंकिंग क्षेत्र में और सुधार आने की उम्मीद है। आने वाले समय में बैंकों की कर्ज वसूली में दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) काफी मददगार होगा, लेकिन इसके लिए तय समय-सीमा का पालन करना बेहद जरूरी है।

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गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने वित्तीय क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों की मजबूती पर भी जोर दिया। गवर्नर ने कहा कि खुदरा कर्ज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इन कंपनियों को अपने जोखिम प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा। आईएलएंडएफएस जैसे एनबीएफसी समूह पर 93 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। जीडीपी वृद्दि के मुद्दे पर कहा कि वर्तमान 7.1 फीसदी की तेजी उम्मीद से थोड़ी कम है।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (सितंबर) में बैंकों का सकल एनपीए घटकर 10.8 प्रतिशत पर आ गया। जोकि मार्च 2018 में 11.5 प्रतिशत था। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2015 के बाद पहली बार इसमें कमी आई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए सितंबर 2018 में कम होकर 14.8 प्रतिशत रहा जो मार्च 2018 में 15.2 प्रतिशत था। वहीं, निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 3.8 प्रतिशत पर आ गया जो मार्च में 4 प्रतिशत था। गवर्नर ने कहा कि यदि ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सकल एनपीए अनुपात मार्च 2019 तक कम होकर 10.3 प्रतिशत पर आ सकता है।

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आरबीआई रिपोर्ट में कहा कि फौरी सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे से बैंकों का घाटा कम करने में सहायता मिलेगी। गौरतलब है कि 21 सरकारी बैंकों में से 11 को पीसीए की देखरेख में रखा गया है। इसके तहत इन बैंकों को नया कर्ज देने या नई शाखाएं खोलने पर रोक लगा दी गई थी। पिछली चार तिमाहियों में इन 11 बैंकों के फंसे कर्ज का घाटा 50 फीसदी से कम हो गया है।

महेश कुमार यादव

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