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झारखंड में हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, जाने किसे कौन सा विभाग मिला

हेमंत सोरेन सरकार झारखंड में हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, जाने किसे कौन सा विभाग मिला

रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन कैबिनेट में सभी 11 मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। विभाग बंटवारे की कवायद के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास गृह, वन, नगर विकास, पथ निर्माण, भवन निर्माण, खनन, शिक्षा और कार्मिक विभाग हैं। जबकि कांग्रेस के पास ग्रामीण विकास, कृषि, सहकारिता, पशुपालन, स्वास्थ्य, वित्त, खाद्य आपूर्ति विभाग आए हैं।

कुछ इतर बटें विभाग

  1. रामेश्वर उरांव – वित्त, वाणिज्यकर, खाद्य आपूर्ति
  2. मिथिलेश ठाकुर – पेयजल स्वच्छता
  3. जगरनाथ महतो – शिक्षा, उत्‍पाद विभाग
  4. जोबा मांझी – महिला एवं बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग
  5. हाजी हुसैन अंसारी – अल्पसंख्यक कल्याण, निबंधन विभाग
  6. बादल पत्रलेख – कृषि एवं पशुपालन व सहकारिता
  7. आलमगीर आलम – ग्रामीण विकास विभाग, संसदीय कार्यमंत्री
  8. बन्ना गुप्ता – स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग
  9. चंपई सोरेन- परिवहन विभाग, अनुसूचित जाति-जनजात‍ि एवं पिछड़ा वर्ग
  10. सत्यानंद भोक्ता – श्रम विभाग

हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल के विस्तार की लंबी कवायद मंगलवार को थम गई। एक पद खाली रखे जाने के बावजूद अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में 11 सदस्य हो चुके हैैं। यह भी महज संयोग है कि पिछली सरकार में भी आरंभ से अंत तक कैबिनेट में मंत्री का एक पद रिक्त रहा। हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा पांच मंत्री झामुमो कोटे से हैैं जबकि कांग्रेस से चार और राजद से एक को मंत्री पद मिला है। इस लिहाज से गठबंधन की सरकार का खाका तैयार हुआ कि सभी समीकरण के साथ-साथ दलों ने जनाधार और क्षेत्रीय संतुलन का हिसाब रखा है। जानकारी के मुताबिक

हालांकि राजद के पास मात्र एक विधायक होने की वजह से उसे मंत्री पद दिया गया, लेकिन झामुमो के 30 और कांग्रेस के 16 विधायकों में मंत्री के लिए चयन एक कठिन टास्क था। इसके लिए लगातार मशक्कत होती रही। कांग्रेस आलाकमान ने भविष्य की राजनीति को देखते हुए मंत्रियों के नाम तय किए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपेक्षाकृत अनुभवी के साथ-साथ नए चेहरों को मौका दिया। दोनों दलों ने अपने संगठन के आधार वोट का खास ख्याल रखा है।  

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मंत्रिमंडल के गठन में कुछ परंपरागत नाम को इस दफा दरकिनार किया है। इसकी वजह भी थी। संताल परगना से ज्यादा झामुमो ने कोल्हान पर फोकस किया। स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, मथुरा प्रसाद महतो को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली जबकि चंपई सोरेन स्थान पाने में कामयाब रहे। मथुरा प्रसाद महतो के स्थान पर झामुमो ने जगरनाथ महतो को आजमाया। मिथिलेश ठाकुर को मंत्री पद देकर झामुमो ने संकेत दिया है कि एक दायरे से बाहर संगठन विस्तार को इच्छुक है। हाजी हुसैन अंसारी को मुस्लिम चेहरे के नाम पर मौका मिला। उन्हें किसी प्रकार की चुनौती नहीं थी। 

कांग्रेस कोटे से मंगलवार को दो विधायकों बन्ना गुप्ता और बादल ने मंत्री पद की शपथ ली। इससे वैसे विधायकों को झटका लगा, जो लगातार लाबिंग कर रहे थे। कांग्रेस की ओर से दो मंत्री रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम पहले ही मंत्रिमंडल में शामिल हैैं। जनजातीय और अल्पसंख्यक समुदाय के अलावा कांग्रेस ने पिछड़े और सामान्य वर्ग से मंत्री देकर सबको साधने की कोशिश की है। मंत्रिमंडल बंटवारे में सभी प्रमंडलों को प्रतिनिधित्व देने में हेमंत सोरेन सफल रहे हैैं। सीएम के साथ-साथ चार मंत्री संताल परगना क्षेत्र के हो गए हैं तो तीन मंत्री कोल्हान से बनाए गए हैं। उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से दो को मंत्री बनाया गया है तो दक्षिणी छोटानागपुर से महज एक मंत्री बने हैं। संताल परगना से ही विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए हैं।

हेमंत कैबिनेट में भले ही पलामू प्रमंडल से एक नाम मिथिलेश ठाकुर का दिख रहा हो, लेकिन वास्तविकता में उनका कर्म क्षेत्र कोल्हान ही है और वे विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के पूर्व तक चाईबासा में नगर निकाय के अध्यक्ष थे। विधानसभा में विधायक के तौर पर शपथ लेने के पूर्व उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से राजद कोटे से मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता का नाम है तो झामुमो के जगरनाथ महतो को इस बार मौका मिला है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के दो मंत्री संताल परगना क्षेत्र से बने हैं। इन दोनों मंत्रियों में आलमगीर आलम पहले ही मंत्री बन चुके थे जबकि बादल पत्रलेख ने मंगलवार को शपथ ली। अन्य दो मंत्रियों में एक बन्ना गुप्ता कोल्हान के हैं तो दूसरे रामेश्वर उरांव दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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